मदुरै: पोंगल के अवसर पर बुधवार को तमिलनाडु के विभिन्न हिस्से में जलीकट्टू के आयोजन की शुरूआत हो गयी। इस साल जलीकट्टू के बेहद खतरनाक खेल में 700 से ज्यादा बैल और करीब 730 लोग हिस्सा ले रहे हैं। क्रीडा स्थल के आसपास कई तरह के निर्देश बोर्ड लगे हैं जैसे कि ‘सींग को न पकड़ें’, ‘कई लोग एक जानवर के पीछे न भागें’, ‘बैलों को जाने दें।’ अवनीपुरम में भी जलीकट्टू का आयोजन उत्साह से हुआ।
इसी तरह पलामेडू में कल और अलंगानल्लूर में 17 जनवरी को इसका आयोजन होगा । इस खेल के दौरान बैलों को वश में करने की कोशिश की जाती है। अगर किसी ने उस पर नियंत्रण कर लिया तो वह विजेता, नहीं तो बैल की जीत होती है । हर राउंड में करीब 60 से 70 भागीदार खास तरह का टी-शर्ट पहनकर इस खेल में हिस्सा लेते हैं । बैल को छोड़ने के बाद लोग उसे पकड़ने का दृश्य देखने के लिए बड़ी संख्या में इकट्ठा होते हैं । कई विदेशी पर्यटक भी पहुंचते हैं ।
एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि भागीदारों और बैलों के चिकित्सकीय निरीक्षण के बाद उन्हें इसमें हिस्सा लेने की अनुमति मिलती है । शराब के नशे में जो लोग थे, उन्हें इस खेल में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी गयी। कमजोर बैलों को भी इसमें शामिल करने की इजाजत नहीं मिली । अधिकारियों ने बताया कि खेल में हिस्सा लेने वाले भागीदार, दर्शक और बैल मालिकों सहित 35 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इनमें से कुछ लोगों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया।
हालांकि, कोई भी बैल घायल नहीं हुआ है । सुरक्षा के समुचित बंदोबस्त किए गए और चिकित्सा व्यवस्था को भी तैयार रखा गया है। जहां-जहां पर आयोजन होना है वहां पर सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में नजर रखी जा रही है।
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