नई दिल्ली: पाकिस्तान की तरफ से ये झूठे फैलाया गया जैश ए मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर की मौत हो गई है, लेकिन हकीकत ये है कि मसूद अजहर जिन्दा है। पाकिस्तानी सरकार के मंत्री फैयाज उल हसन चौहान ने भी इस बात पर मुहर लगाई है। उन्होंने कहा कि “वो जिंदा है, मौलाना मसूद अजहर जिंदा है, हमारे पास उसकी मौत से जुड़ी कोई जानकारी नहीं है।”
वहीं, इससे इतर हमारी इंटैलीजेंस एजेंसीज के पास भी पूरी जानकारी है कि आतंकी मसूद अजहर कहां हैं और किसकी सिक्युरिटी में हैं। पता चला है कि पाकिस्तानी फौज ने मसूद अजहर को पहले रावलपिंडी के आर्मी हॉस्पिटल से बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के हैड ऑफिस में शिफ्ट कर दिया था। लेकिन, अब उसे फिर आर्मी के छोटे हॉस्पिटल में ले जाया गया है।
इस हॉस्पिटल के फर्स्ट फ्लोर के कमरा नंबर 205 में मसूद अजहर को रखा गया है। इस फ्लोर पर दूसरे कमरों में किसी पेसेंट को एडमिट नहीं किया गया है, सारे कमरे खाली हैं। खबर है कि हॉस्पिटल के पहले फ्लोर पर पाकिस्तान आर्मी के दस कमाडोंज और ISI के दो सीनियर अफसरों की 24 घंटे की ड्यूटी लगाई गई है। यहां किसी को जाने की इजाजात नहीं हैं।
पाकिस्तान समझ रहा है कि भारत मसूद अजहर के खिलाफ एक्शन लेकर ही रहेगा। इसलिए, पाकिस्तान सरकार की तरफ से मसूद अजहर को लेकर अब कन्फ्यूजन क्रिएट करने की कोशिश की जा रही हैं। पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि मसूद अजहर बहुत ज्यादा बीमार है, लेकिन जब शाह महमूद कुरैशी के इस बयान की चर्चा होने लगी और सवाल पूछे जाने लगे तो शाह महमूद कुरैशी ने चुप्पी साध ली।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बहावलपुर के रहने वाले अजहर ने 2000 में जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन बनाया था। साल 1999 में तत्कालीन राजग सरकार ने इंडियन एयरलाइन्स के अपहृत विमान IC-814 को छुड़ाने के बदलने अजहर को छोड़ दिया था। 50 साल के अजहर पर 2001 के संसद हमले की साजिश रचने का, जम्मू कश्मीर विधानसभा पर आत्मघाती हमले और पठानकोट वायु सेना केंद्र और पुलवामा आतंकी हमले की साजिश रचने का आरोप हैं।
बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले में CRPF के 40 जवानों के शहीद होने के बाद वायु सेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश के आतंकी शिविरों को निशाना बनाया था। सरकार ने आतंकी शिविरों को तबाह करने का दावा करते हुए बड़ी सफलता मिलने की बात कही थी।
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