नेताओं और आतंकवादियों के बीच संबंध के मामले में पीडीपी नेता के खिलाफ आरोप पत्र दायर
राजनीतिक नेताओं और आतंकवादी समूहों के बीच कथित संबंध से जुड़े मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने केन्द्र शासित प्रदेश में पीडीपी नेता वहीद पर्रा के खिलाफ मंगलवार को आरोप पत्र दाखिल किया।
श्रीनगर: राजनीतिक नेताओं और आतंकवादी समूहों के बीच कथित संबंध से जुड़े मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने केन्द्र शासित प्रदेश में पीडीपी नेता वहीद पर्रा के खिलाफ मंगलवार को आरोप पत्र दाखिल किया। अधिकारियों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सीआईडी की अपराध अन्वेषण (कश्मीर) विंग ने पर्रा के खिलाफ एक अदालत में कठोर गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम की देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने और शांति को खतरे में डालने से संबंधित विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल किया है। आरोप पत्र सक्षम अदालत के समक्ष दायर किया गया, जिसने इस पर संज्ञान लिया था। इस साल की शुरुआत में जम्मू-कश्मीर सीआईडी की अपराध अन्वेषण (कश्मीर) विंग द्वारा गिरफ्तार किये जाने के बादे से ही पर्रा न्यायिक हिरासत में हैं। अपराध अन्वेषण (कश्मीर) विंग का काम यूएपीए और धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज मामलों की जांच करना है।
विंग ने पिछले साल विश्वसनीय और गुप्त सूत्रों के आधार पर अज्ञात राजनीतिक नेताओं और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। सूत्रों ने कहा था कि राजनीतिक पदाधिकारी अपनी शक्ति का इस्तेमाल कर आतंकवादियों की मदद कर रहे हैं। आरोप है कि इन नेताओं ने एक आपराधिक साजिश के तहत कई कारणों से जम्मू-कश्मीर में सक्रिय पाकिस्तान समर्थित विभिन्न आतंकवादी और अलगाववादी संगठनों के साथ गुप्त संबंध स्थापित किये थे। आरोप यह भी है कि स्थानीय लोगों के बीच नेताओं का प्रभाव बढ़ाने, विरोधी राजनीतिक दलों और उनके के प्रभाव से निपटने, अपने वित्तीय और कारोबारी हितों की रक्षा करने तथा पाकिस्तानी प्रतिष्ठानों का विश्वास हासिल करन के इरादे से एक साजिश रची गई थी।
आरोप है कि ये नेता वित्तीय मदद या आतंकवादी तत्वों के जरिये शारीरिक हमलों की साजिश रचकर कभी प्रत्यक्ष रूप से और कभी बिचौलियों के जरिये कथित रूप से आतंकवादियों और अलगाववादियों का समर्थन करते थे। मामले में आरोप है कि आपराधिक मंसूबों को आगे बढ़ाने के लिये इन असैद्धांतिक राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों ने भारत सरकार के खिलाफ युद्ध तेज करने के लिये आतंकवादियों न अलगाववादियों की मदद की, जिसका मुख्य मकसद जम्मू-कश्मीर को संघ से अलग करना था।
जम्मू कश्मीर पुलिस ने सीमा पर अलगाववादियों और आतंकवादियों के साथ पर्रा के संबंधों का पता लगाने के लिये उसके इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल रिकॉर्ड (आईपीडीआर) का विश्लेषण भी किया। हालांकि पर्रा के वकील ने विभिन्न अदालती सुनवाइयों के दौरान इन सभी आरोपों से इनकार करते हुए दावा किया कि पिछले साल जिला विकास परिषद चुनाव में जीत हासिल करने वाले उनके मुव्ककिल को राजनीतिक बलि का बकरा बनाया जा रहा है।
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