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Hindi News भारत राष्ट्रीय इसरो के मानव अंतरिक्ष उड़ान रॉकेट में महत्वपूर्ण सिस्टम के लिए होगा डबल बैकअप

इसरो के मानव अंतरिक्ष उड़ान रॉकेट में महत्वपूर्ण सिस्टम के लिए होगा डबल बैकअप

भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान (ह्यूमन स्पेस फ्लाइट) रॉकेट में सुरक्षा के मामले में कई अतिरेक/बैकअप सिस्टम होंगे। इसके साथ ही सुरक्षा के लिहाज से रॉकेट के निर्माण के लिए आवश्यक हार्डवेयर भी उपलब्ध होंगे।

ISRO's human space flight rocket to have multiple backups for crucial systems - India TV Hindi Image Source : PTI ISRO's human space flight rocket to have multiple backups for crucial systems 

चेन्नई। भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान (ह्यूमन स्पेस फ्लाइट) रॉकेट में सुरक्षा के मामले में कई अतिरेक/बैकअप सिस्टम होंगे। इसके साथ ही सुरक्षा के लिहाज से रॉकेट के निर्माण के लिए आवश्यक हार्डवेयर भी उपलब्ध होंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। विक्रम साराभाई स्पेस केंद्र (वीएसएससी) के निदेशक एस.सोमनाथ ने बताया, "जीएसएलवी (जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) जिसका इस्तेमाल गगनयान या मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन के लिए किया जाएगा, उसे सुरक्षा उपाय के रूप में महत्वपूर्ण कार्यों के लिए चार अतिरेक (बैकअप सिस्टम) के साथ बनाया जाएगा।"

वीएसएससी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का हिस्सा है, जो कि केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित है। इसरो के एक पूर्व अधिकारी ने बताया कि उदाहरण के लिए, इसमें किसी विशेष कार्य के लिए कई सेंसर होंगे, ताकि यदि कोई अन्य विफल हो जाए, तो यह काम आ सके। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा है कि पैराशूट सिस्टम को अतिरेक के साथ कॉन्फिगर किया गया है।

इसरो ने कहा कि क्रू एस्केप सिस्टम के लिए एवियोनिक्स को एक स्वतंत्र प्रणाली के रूप में कॉन्फिगर किया गया है, जिसमें इंस्ट्रूमेंटेशन सिस्टम और सीक्वेंसिंग सिस्टम शामिल हैं। सोमनाथ के अनुसार, जीएसएलवी एमके-तृतीय रॉकेट में कोई बड़ा डिजाइन परिवर्तन नहीं किया गया है, जो तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाएगा। 

सोमनाथ ने कहा, "हमने जरूरत के मुताबिक डिजाइन को थोड़ा संशोधित किया है।" रॉकेट में इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों एवं कंपोनेंट पर मुख्य खर्च किया गया है। भारत ने एक सप्ताह के लिए अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने की योजना बनाई है। देश के मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के भाग के रूप में जीएसएलवी की पहली मानव रहित परीक्षण उड़ान 2021 में होने की उम्मीद है।

वास्तविक मानव उड़ान से पहले दो मानव रहित जीएसएलवी रॉकेटों का परीक्षण किया जाएगा। इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने पहले कहा था, "भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए लॉन्च वाहन और कक्षीय मॉड्यूल प्रणाली की डिजाइन और इंजीनियरिंग पूरी हो गई है। 2020 में सिस्टम के डिजाइन और इंजीनियरिंग को मान्य करने के लिए परीक्षणों की एक सीरीज करनी होगी।" इसरो के अनुसार, कक्षीय मॉड्यूल की तैयारी और चेक-आउट करने के लिए आवश्यक सुविधाओं की पहचान भी की गई है।

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