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Hindi News भारत राष्ट्रीय स्पेस कार्यक्रम के लिए चीन और रूस एक हुए तो भारत ने भी जापान से मिला लिया हाथ

स्पेस कार्यक्रम के लिए चीन और रूस एक हुए तो भारत ने भी जापान से मिला लिया हाथ

भारत और जापान की अंतरिक्ष एजेंसियों ने गुरुवार को संयुक्त चंद्र ध्रुवीय खोज अभियान (लूपेक्स) को लेकर जारी सहयोग की समीक्षा की।

ISRO and JAXA, ISRO and JAXA Lunar Mission, ISRO and JAXA Mission, China and Russia- India TV Hindi Image Source : ISRO भारत और जापान की अंतरिक्ष एजेंसियों ने गुरुवार को संयुक्त चंद्र ध्रुवीय खोज अभियान को लेकर जारी सहयोग की समीक्षा की।

बेंगलुरु: भारत और जापान की अंतरिक्ष एजेंसियों ने गुरुवार को संयुक्त चंद्र ध्रुवीय खोज अभियान (लूपेक्स) को लेकर जारी सहयोग की समीक्षा की। बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और जापान एयेरोस्पस ऐक्स्प्लोरेशन एजेंसी (JAXA) के वैज्ञानिक इस अभियान पर मिलकर काम कर रहे हैं, जिसके तहत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर वर्ष 2024 के आसपास एक अंतरिक्षयान भेजने का लक्ष्य है। बता दें कि अमेरिका को टक्कर देने के लिए रूस ने चीन के साथ हाथ मिलाने का फैसला किया है। दोनों देशों ने ऐलान किया है कि वे साथ मिलकर चांद पर साइंटिफिक रिसर्च स्टेशन बनाएंगे। ऐसे में भारत और जापान की यह जुगलबंदी बेहद खास है।

अंतरिक्ष विभाग के सचिव एवं इसरो प्रमुख के सिवन और जाक्सा के अध्यक्ष हिरोशी यामाकावा ने ऑनलाइन हुई द्विपक्षीय बैठक के दौरान अपने-अपने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। इसरो ने एक बयान में कहा, 'पृथ्वी अवलोकन, चंद्र सहयोग और उपग्रह नेविगेशन को लेकर जारी सहयोग की समीक्षा के अलावा दोनों पक्ष अंतरिक्ष स्थिति संबंधी जागरूकता और पेशेवर विनिमय कार्यक्रम में सहयोग के अवसर तलाशने को लेकर सहमत हुए। इस अवसर पर दोनों अंतरिक्ष एजेंसियों ने उपग्रह डाटा का उपयोग करके चावल के फसल क्षेत्र और वायु गुणवत्ता निगरानी संबंधी सहयोगी गतिविधियों के लिए एक 'क्रियान्वयन समझौते' पर हस्ताक्षर किए।'

इस बीच अमेरिका के साथ स्पेस में पार्टनर रहे रूस ने अब चीन साथ देकर आने वाले दिनों में अंतरिक्ष में होने वाली 'जंग' का संकेत दे दिया है। बता दें कि अमेरिका साल 2024 में एक बार फिर इंसान चांद पर भेजने के लिए Artemis मिशन पर काम कर रहा है। चीन और रूस ने एक मेमोरंडम साइन किया है जिसमें इंटरनैशनल साइंटिफिक लूनर स्टेशन साथ मिलकर बनाने की बात कही गई है। रूस के बयान के मुताबिक यह स्टेशन एक एक्सपेरिमेंटल रिसर्च फसिलटीज का कॉन्प्लेक्स होगा जो चांद की सतह पर या उसकी कक्षा में होगा। यह स्टेशन चांद को एक्सप्लोर करने और उसे इस्तेमाल करने, मूलभूत रिसर्च और तकनीक के विकास पर ध्यान देगा।

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