नई दिल्ली: भारत के साथ मिलकर कोरोना वायरस की जांच के लिए रैपिड जांच किट विकसित कर रही इजरायली अनुसंधानकर्ताओं की एक उच्च स्तरीय टीम सोमवार को यहां पहुंच गई। यह टीम कोरोना वायरस संक्रमण का तेजी से पता लगाने के लिए विकसित की गई उन्नत प्रौद्योगिकी की कारगरता निर्धारित करने को लेकर अंतिम चरण का अनुसंधान करेगी। इजरायल के रक्षा एवं विदेश मंत्रालयों ने एक बयान में कहा गया है कि इजरायल और भारत के बीच इस अनूठे सहयोग के तहत इजरायली प्रतिनिधिमंडल 10 दिन में हजारों नमूने एकत्र करेगा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के आधार पर कंप्यूटर प्रणाली का इस्तेमाल कर नमूनों का विश्लेषण करेगा।
बयान में बताया गया है कि प्रतिनिधिमंडल भारत में अंतिम चरण का अनुसंधान करेगा। विशेष विमान से दर्जनों उन्नत वेंटिलेटर भी सोमवार सुबह यहां पहुंचे। इस अभियान को “ऑपरेशन ब्रेथिंग स्पेस“ नाम दिया गया है। इजरायल के विदेश मंत्रालय में एशिया एवं प्रशांत के लिए उपमहानिदेशक गिलेड कोहेन ने “द टाइम्स ऑफ इजरायल“ में प्रकाशित एक लेख में कहा कि इजरायल ने इन वेंटिलेटर का निर्यात एवं भेजने को मंजूरी देने के लिए विशेष प्रयास किए। वहीं , दोनों देश वायरस के प्रसार को रोकने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
भारत में इजरायल के राजदूत रोन मलका ने कहा कि अगर जांच किट विकसित हो जाती है तो यह चंद सेकंड में रिपोर्ट दे देगी और यह कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इजराइली दूतावास ने पिछले सप्ताह कहा था कि इजरायली रक्षा मंत्रालय की अनुसंधान एवं विकास टीम कोविड-19 रैपिड जांच किट विकसित करने के लिए भारत के मुख्य वैज्ञानिक के. विजय राघवन और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ मिलकर काम कर रही है। इसके जांच परिणाम 30 सेकंड से कम समय में आ सकते हैं।
इजराइल के रक्षा मंत्रालय में ‘डायरेक्टरेट आफ डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट’ (डीडीआर एंड डी) की टीम अपने भारतीय समकक्षों के साथ मिलकर कई रैपिड नैदानिक समाधानों की प्रभावशीलता का पता लगाने के लिए ‘‘अंतिम चरण के परीक्षण’’ करेगी। मलका ने कहा कि इजराइल की टीम विशेष विमान से आज सुबह यहां पहुंची।
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