नई दिल्ली। देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए भारतीय रेल ने एक बड़ा फैसला लिया है। संक्रमण से ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़ने की आशंका को देखते हुए भारतीय रेल ने अपने ट्रेन कोच को आइसोलेशन केंद्र बनाने का निर्णय लिया है। भारतीय रेलवे ने अपने ट्रेन कोचों को स्वयं ही कोरोना मरीजों के उपचार के लिए आइसोलेशन केंद्र में तब्दील कर दिया है।
भारतीय रेलवे ने बताया कि उत्तर रेलवे ने गैर वातानुकूलित रेल कोचों को कोविड-19 मरीजों के लिए पृथक वार्ड में तब्दील कर आईसीयू का पहला प्रारूप पेश किया है। अगले कुछ दिनों में इस प्रारूप को अंतिम रूप दे देने के बाद प्रत्येक रेलवे मंडल हर हफ्ते 10 कोच की रेक का उत्पादन करेगा।
इन ट्रेन कोचों में डॉक्टर्स और नर्स के लिए केबिन, मरीजों के लिए केबिन और चिकित्सा उपकरण व दवाओं को रखने के लिए अलग-अलग केबिन बनाए गए हैं। कोच में हर केबिन को कवर करने के लिए विशेष प्रकार के पर्दे लगाए गए हैं। इन ट्रेन कोचों को विभिन्न रेलवे स्टेशन पर खड़ा किया जाएगा।
जानिए रेलवे ने आइसोलेशन कोच में किए हैं कैसे इंतजाम
मरीज के लिए कैबिन तैयार करने के लिए बीच के बर्थ को एक तरफ से हटाया गया है,मरीज़ के बर्थ के सामने के सभी 3 बर्थों को हटाया गया है। बर्थ पर चढ़ने के लिए लगाई गईं सभी सीढ़ियों को हटाया गया है।आइसोलेशन कोच तैयार करने के लिए बाथरूम, गलियारे और दूसरी जगहों पर भी फेरबदल किया गया है।
Isolation coaches have been prepared by the Indian Railways to fight Coronavirus
उल्लेखनीय है कि भारत में कोविड-19 के मामले शनिवार को बढ़कर 873 हो गए और संक्रमण के कारण 19 लोगों की मौत हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुबह साढ़े नौ बजे अपने ताजा आंकड़ों में दो और लोगों की कोविड-19 से मौत होने की जानकारी दी है। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। अभी तक महाराष्ट्र में पांच, गुजरात में तीन, कर्नाटक में दो, मध्य प्रदेश में दो, तमिलनाडु, बिहार, पंजाब, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में एक-एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है।
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