भारत से युद्ध की तैयारी, बॉर्डर पर चीन ने तैनात किए टैंक?
ये तस्वीरें सैटेलाइट से ली गई हैं। एक तस्वीर में आर्मी की गाड़ियों के साथ टैंट भी नज़र आ रहे हैं। कुछ पक्का कट्रक्शन भी देखा जा सकता है जहां जाने के लिए पक्के रास्ते बनाए गए हैं। यहां हेलीपैड से थोड़ी ही दूरी पर बड़ा सा मैदान नजर आ रहा है जहां टैंक्स
नई दिल्ली: चीन जो भारत समेत एशिया के कई मुल्कों के साथ सीनाज़ोरी करता रहता है, ने खतरे की घंटिया बजा दी हैं। खतरे की ऐसी घंटी जिसकी आवाज़ को नजरअंदाज़ नहीं किया जा सकता। भारत और चीन के बॉर्डर की कुछ तस्वीरें सामने आईं हैं जो भले ही धुंधली हों लेकिन इन तस्वीरों में बहुत बड़ा खतरा छिपा हुआ है। ये खतरे की घंटी है क्योंकि ये तस्वीरें डोकलाम में चीन की नई चाल का सबूत हैं। इन तस्वीरों में चीन की आर्मी की 20 गाड़ियां दिख रही हैं। इनमें से 13 गाड़ियां सड़क के एक तरफ हैं जबकी सात मिलिट्री विहीकल्स दूसरी तरफ नज़र आ रहे हैं। वहीं दूसरी तस्वीर में डोकलाम के करीब बने चीन के हैलीपैड साफ नजर आ रहे हैं। चीन ने एक दो नहीं बल्कि ऐसे 7 हैलीपैड डोकलाम में बनाए हैं।
ये तस्वीरें सैटेलाइट से ली गई हैं। एक तस्वीर में आर्मी की गाड़ियों के साथ टैंट भी नज़र आ रहे हैं। कुछ पक्का कट्रक्शन भी देखा जा सकता है जहां जाने के लिए पक्के रास्ते बनाए गए हैं। यहां हेलीपैड से थोड़ी ही दूरी पर बड़ा सा मैदान नजर आ रहा है जहां टैंक्स और बख्तरबंद गाड़ियां भी हैं लेकिन इन सबको छुपाकर रखा गया है। चीन की इस नई साज़िश का खुलासा खुद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया था।
रक्षा मंत्री ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा, “2017 में डोकलाम में भारत-चीन के बीच टेंशन खत्म होने के बाद दोनों देशों के सैनिक गतिरोध स्थल से दूर फिर से तैनात हो गए हैं। हालांकि दोनों तरफ से सैनिकों की संख्या कम है लेकिन चीन यहां संतरी चौकियां बना रहा है जिससे कि चीनी सैनिक यहां सर्दियों में भी डटे रहें। साथ ही हेलिपैड और कुछ बुनियादी ढांचों का निर्माण भी चीन ने डोकलाम के पास किया है।“
इस नई साजिश का पता ऐसे वक्त में हुआ है जब चीन के अंदर से आई दो और खबरें हिंदुस्तान की चिंता बढ़ाने वाली है। पहला चीन ने अपने रक्षा बजट में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी की है तो दूसरा शी जिनपिंग ने खुद को चीन का सम्राट बनने की तैयारी पूरी कर ली है। एक हफ्ते पहले ही रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे ने चीन से लगते बॉर्डर को बेहद संवेदनशील बताया था। उन्होंने कहा था, “वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास (एलओएसी) स्थिति काफी संवेदनशील है। वहां गश्त, घुसपैठ और गतिरोध की घटनाएं बढ़ने लगी हैं। हमारी पूरी कोशिश है कि एलओसी पर किसी भी तरह का टकराव न हो।“
डोकलाम विवाद के करीब 9 महीने बाद एक बार फिर चीन की साजिश की तस्वीरें सामने आने से साफ है कि चीन डोकलाम के करीब न सिर्फ बड़ी तादाद में आर्मी की तैनाती कर रहा है बल्कि साजो सामान भी जुटा रहा है। डिफेंस एक्सपर्ट्स ने फौरन किसी खतरे की बात से तो इनकार किया है लेकिन अलर्ट रहने के लिए भी कहा। उनके अनुसार, “साफ तौरे से दर्शाता है कि चीन डोकलाम से हटने वाला नहीं हैं। डोकलाम में चीन ने अपनी पकड़ और मजबूत कर ली है।“
चीन की हर नापाक चाल पर भारत की पैनी नजर है। यही वजह है कि जैसे ही चीन नॉर्थ डोकलाम में एक्टिव हुआ तो भारत भी उस इलाके में सक्रिय हो गया है। गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच करीब 3 हज़ार 488 किलोमीटर लंबी सरहद है जो कश्मीर से अरुणाचल तक फैली हैं। चीन मैकमोहन लाइन को नहीं मानता जिसमें एक लंबा इलाका भारत-चीन सीमा का हिस्सा है। यही वजह है कि एलएसी पर चीन वक्त-वक्त पर सीनाज़ोरी करता रहता है।