नई दिल्ली: आतंकवाद रोधी विशेष अदालत ने मक्का मजिस्द में 2007 में हुए विस्फोट कांड में दक्षिणपंथी कार्यकर्ता स्वामी असीमानंद और चार अन्य को आज बरी कर दिया। कोर्ट के फैसले आने के बाद इसपर सियासत तेज हो गई है। जहां एक तरफ कांग्रेस ने एनआईए की जांच पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं तो वहीं बीजेपी ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी से माफी की मांग की है। मक्का मस्जिद में आठ मई 2007 को जुमे की नमाज के दौरान एक बड़ा विस्फोट हुआ था जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई थी और 58 अन्य जख्मी हो गए थे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कोर्ट के फैसले पर कहा कि चार वर्ष पहले सरकार बनने के बाद से यह (बरी किया जाना) हर मामले में हो रहा है। लोगों का एजेंसियों से विश्वास समाप्त होता जा रहा है। फैसले के बारे में पूछने पर पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और कांग्रेस नेता शिवराज पाटिल ने कहा, ''मुझे यह कहने में काफी कठिनाई हो रही है कि यह सही है या गलत।" वहीं एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने आज आरोप लगाया कि 2007 के मक्का मस्जिद विस्फोट मामले को आतंकवाद निरोधक जांच एजेंसी एनआईए ने सही तरीके से अदालत में नहीं रखा। ओवैसी ने कहा कि "मामले में न्याय नहीं हुआ है।
अगर इस तरह से पक्षपातपूर्ण अभियोजन जारी रहा तो आपराधिक न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े होंगे। न्याय नहीं हुआ है। एनआईए और मोदी सरकार ने जमानत के खिलाफ अपील नहीं की जो आरोपियों को 90 दिन के अंदर दे दिए गए। यह पूरी तरह पक्षपातूपर्ण जांच थी जो आतंकवाद से लड़ने के हमारे संकल्प को कमजोर करेगी।" वहीं बीजेपी भाजपा ने कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि कुछ वोटों के लिए कांग्रेस पार्टी ने जिस प्रकार से हिन्दू धर्म को बदनाम करने का काम किया था, उसके लिए आज सोनिया गांधी और राहुल गांधी को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए। इंडिया टीवी ने भी इसी मुद्दे पर बहस कराई है। इस बहस में शामिल पैनलिस्ट ने क्या कहा जाने के लिए देखें वीडियो।
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