नई दिल्ली: भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को किडनैप करके पाकिस्तान की सेना को सौंपने वाले आतंकी मुल्ला उमर ईरानी की मौत हो गई है। मुल्ला उमर ईरानी को पाकिस्तान की पुलिस ने उसके 2 बेटों समेत मार गिराया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आतंकी मुल्ला उमर ईरानी और उसके 2 बेटों को पुलिस ने बलूचिस्तान के तुर्बत इलाके में मारा है। वह लश्कर-ए-तैयबा, लश्कर-ए-कुरुसन और जैश-उल-अदल के हाई-प्रोफाइल हेल्पर्स में से एक था। माना जा रहा है कि मुल्ला उमर ईरानी की मौत के पीछे ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ और पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा के बीच हुई मुलाकात की बड़ी भूमिका है।
ईरान में मोस्ट वॉन्टेड था मुल्ला उमर
बता दें कि आतंकी मुल्ला उमर ईरान में मोस्ट वॉन्टेड था। उसने खुद ईरान के कई सैनिकों की हत्या में शामिल होने की बात कबूली थी। स्थानीय सूत्रों ने बताया कि भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को अगवा करके पाकिस्तानी सेना को सौंपने वाले जैश अल-अद्ल के आतंकी मुल्ला उमर को बलूचिस्तान के तुर्बत में पुलिस ने उसके 2 बेटों समेत मार गिराया है। वह पाकिस्तान की सेना के लिए काम करता था, और उसी ने उसे पनाह भी दी थी। हालांकि ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ और पाकिस्तान के आर्मी जनरल कमर जावेद बाजवा के बीच हुई मुलाकात के चंद दिनों बाद ही उमर और उसके बेटों का काम तमाम हो गया।
तुर्बत में ही रखी गई है मुल्ला उमर और उसके बेटों की लाश
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मारे गए आतंकी मुल्ला उमर और उसके 2 बेटे के शवों को बलूचिस्तान के तुर्बत में एक स्थानीय फ्रंटियर कॉर्प्स सुविधा में रखा गया है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, पुलिस और मुल्ला उमर के बेटों के बीच हुई मुठभेड़ में तीनों की जान गई। सुरक्षाबलों के दावे के मुताबिक, मुल्ला उमर ईरानी और उसके बेटों की मौत 17 नवंबर को हुई मुठभेड़ में गई है। बता दें कि ईरानी ने भारतीय नागरिक और नेवी के पूर्व अफसर कुलभूषण जाधव को ईरान के चाबहार इलाके से किडनैप कर पाकिस्तान की सेना को सौंपा था। इस किडनैपिंग के बदले में पाकिस्तान की तरफ से उसे बड़ी रकम मिली थी। इसके अलावा पाकिस्तान की सेना ने अपने यहां उसके पनाह का इंतजाम भी किया था।
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