INX मीडिया केस: 24 मार्च तक की न्यायिक हिरासत में भेजे गेए कार्ति चिदंबरम
अदालत ने कहा कि उनकी जमानत याचिका पर तय समय यानि 15 मार्च को ही सुनवाई होगी। जेल में घर के भोजन के कार्ति के आग्रह को भी मानने से अदालत ने इंकार कर दिया...
नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने आईएनएक्स मीडिया घोटाले मामले में आज कार्ति चिदंबरम को 24 मार्च तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अदालत ने जमानत पर जल्द सुनवाई का आवेदन खारिज करते हुए यह आदेश दिया। विशेष न्यायाधीश सुनील राणा ने यह आदेश दिया उस समय दिया जब सीबीआई ने कहा कि कार्ति को हिरासत में रखकर पूछताछ करने की अब जरूरत नहीं है। तिहाड़ जेल में अलग कोठरी और सुरक्षा की मांग करने वाली उनकी याचिका पर अदालत ने कहा कि जेल के नियमों का पालन किया जाएगा।
साथ ही अदालत ने कहा कि उनकी जमानत याचिका पर तय समय यानि 15 मार्च को ही सुनवाई होगी। जेल में घर के भोजन के कार्ति के आग्रह को भी मानने से अदालत ने इंकार कर दिया।
इस बीच प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दाखिल किए गए एक मामले में फिलहाल जेल में मौजूद कार्ति के चार्टर्ड अकाउंटेंड एस भास्कररमन ने सीबीआई के आईएनएक्स मीडिया मामले में अग्रिम जमानत के लिए अदालत का रुख किया है। कार्ति चिदंबरम के पिता पी. चिदंबरम भी अदालत कक्ष में उपस्थित थे।
पिछले साल 15 मई को दर्ज की गई एक प्राथमिकी के संबंध में कार्ति को ब्रिटेन से लौटने के दौरान गिरफ्तार किया गया। इसमें वर्ष 2007 में उनके पिता पी. चिदंबरम के केंद्रीय वित्त मंत्री रहने के दौरान आईएनएक्स मीडिया को करीब 305 करोड़ रुपये की विदेशी निधि प्राप्त करने की विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) द्वारा दी गई मंजूरी में हुई गड़बड़ी का आरोप लगाया गया है।
सीबीआई ने शुरुआत में कार्ति पर आईएनएक्स मीडिया को एफआईपीबी की मूंजरी दिलवाने के लिए 10 लाख रुपये घूस लेने का आरोप लगाया था। हालांकि बाद में सीबीआई ने इन आंकड़ों को दस लाख डॉलर (वर्तमान विनिमय दर पर 6.50 करोड़ रुपये और वर्ष 2007 में 4.50 करोड़ रुपये) बताया।
मामले में नए सबूत इंद्राणी मुखर्जी के बयान के रूप में सामने आए जो आईएनएक्स मीडिया (प्राइवेट) लिमिटेड की पूर्व निदेशक हैं। इंद्राणी ने 17 फरवरी को मजिस्ट्रेट के समक्ष अपराध दंड संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत अपना बयान दर्ज कराया था। इंद्राणी के बयान के बाद ही कार्ति को गिरफ्तार किया गया।