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Hindi News भारत राष्ट्रीय रिपब्लिक डे पर दंगे की इंटरनेशनल साजिश, रेहना से जुड़े हैं जगमीत के तार, जानिए पूरी डिटेल

रिपब्लिक डे पर दंगे की इंटरनेशनल साजिश, रेहना से जुड़े हैं जगमीत के तार, जानिए पूरी डिटेल

रिहाना कनाडा के MP जगमीत सिंह की दोस्त है। रिहाना ट्वीटर पर जगमीत सिंह को फॉलो भी करती हैं और दोनों एक-दूसरे को डायरेक्ट मैसेज भी करते हैं।

रिपब्लिक डे पर दंगे की इंटरनेशनल साजिश, रेहना से जुड़े हैं जगमीत के तार, जानिए पूरी डिटेल- India TV Hindi Image Source : INDIA TV रिपब्लिक डे पर दंगे की इंटरनेशनल साजिश, रेहना से जुड़े हैं जगमीत के तार, जानिए पूरी डिटेल

नई दिल्ली: 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुए दंगों की जांच के दौरान जो तथ्य उभरकर सामने आ रहे हैं वो बड़े ही चौंकानेवाले हैं। जानकारी के मुताबिक इस इंटरनेशनल साजिश की शुरुआत पॉप स्टर रिहाना से हुई। रिहाना ने जब किसान आंदोलन पर ट्वीट किया तो हंगामा शुरू हो गया। सवाल उठने लगा कि रिहाना का किसान आंदोलन से क्या कनेक्शन है? दरअसल रिहाना कनाडा के MP जगमीत सिंह की दोस्त है। रिहाना ट्वीटर पर जगमीत सिंह को फॉलो भी करती हैं और दोनों एक-दूसरे को डायरेक्ट मैसेज भी करते हैं। लगातार संपर्क में रहते हैं।  लेकिन सच्चाई ये है कि जगमीत सिंह भारत के दुश्मन हैं, वो खालिस्तान की मांग के समर्थक हैं और खालिस्तान आंदोलन के लिए फंड जुटाने का काम करते हैं। 

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2013 में भारत सरकार ने जगमीत सिंह को वीज़ा नहीं दिया था। वहीं जगमीत सिंह मोदी सरकार के कट्टर  विरोधी हैं। किसान आंदोलन के मुद्दे पर भी वो कनाडा में लगातार प्रोटेस्ट करते  रहे हैं। ऐसे में जब रिहाना ने किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट किया तो इसके पीछे जगमीत सिंह का हाथ होने की बात सामने आई। इस दावे का सबूत उस वक्त मिला जब जगमीत सिंह ने रिहाना के इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए किसान आंदोलन का मुद्दा उठाने के लिए उन्हें शुक्रिया कहा। इसी ट्वीट में जगमीत सिंह ने रिहाना को धन्यवाद भी दिया। 

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आपको बता दें कि 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर मार्च के दौरान दिल्ली में बड़े पैमाने पर हिंसा और उपद्रव की घटनाएं हुईं। दिल्ली की ओर आनेवाले सारे बैरिकेड्स को ट्रैक्टर से ध्वस्त कर दिया गया। किसानों की भेष दंगाईयों ने पहले आईटीओ पर उपद्रव मचाया और उसके बाद लाल किले की ओर बढ़ गए। इन उपद्रवियों ने लाल किले पर तिरंगे की जगह धार्मिक ध्वज को फहरा दिया था।

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