नई दिल्ली: जामिया मिलिया इस्लामिया के एक छात्र ने पिछले साल 15 दिसंबर को सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कार्रवाई में कथित तौर पर आई चोटों के लिए मुआवजे की मांग करते हुए बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। याचिका में अधिकारियों को पुलिस बलों के कथित अपराध के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने की भी मांग की गयी है।
मोहम्मद मुस्तफा ने अपनी याचिका में मांग की है कि उसे पहुंचे शारीरिक और मानसिक नुकसान की भरपाई के लिए अधिकारियों को उसे कम से कम एक करोड़ रुपये मुआवजा का भुगतान करने का निर्देश दिया जाए। वकील नबीला हसन के माध्यम से दाखिल याचिका में छात्र के इलाज का खर्च भी देने की मांग की गयी है। याचिका में दिल्ली सरकार, उसके कानून व्यवस्था तथा गृह विभागों को पक्ष बनाया गया है।
इससे पहले 17 फरवरी को भी इसी तरह की एक याचिका उच्च न्यायालय में आई थी जिस पर अदालत ने दिल्ली सरकार और पुलिस से जवाब मांगा था। शयान मुजीब नामक छात्र की इस याचिका में दावा किया गया था कि 15 दिसंबर, 2019 को वह पुस्तकालय में पढ़ रहा था, तभी पुलिसकर्मी घुस आए और कथित तौर पर वहां छात्रों की पिटाई करने लगे। इससे पहले मोहम्मद मिन्हाजुद्दीन नामक छात्र ने घटना की जांच करने और चोटों के लिए मुआवजे की मांग करते हुए अर्जी दाखिल की थी।
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