इंदौर: कर्फ्यू तोड़कर बाहर घूम रहे लोगों ने किया पुलिस कर्मी पर पथराव, पांच गिरफ्तार
मध्यप्रदेश के इंदौर में स्वास्थ्य कर्मियों के दल पर पथराव का हफ्ते भर पुराना मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि एक पुलिस कर्मी पर पत्थर चलाये जाने की घटना सामने आयी है।
इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में स्वास्थ्य कर्मियों के दल पर पथराव का हफ्ते भर पुराना मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि एक पुलिस कर्मी पर पत्थर चलाये जाने की घटना सामने आयी है। कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर शहर में पखवाड़े भर से लागू कर्फ्यू के दौरान पुलिस कर्मी पर हमले के मामले में पांच आरोपियों को बुधवार को धर दबोचा गया। इनमें से दो मुख्य बलवाइयों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाने की तैयारी की जा रही है।
पुलिस अधीक्षक (पश्चिम) महेशचंद्र जैन ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि चंदन नगर इलाके में मंगलवार शाम कर्फ्यू का उल्लंघन कर बाहर घूम रहे लोगों को एक पुलिस आरक्षक ने अपने घर जाने को कहा था। इस बात को लेकर इन लोगों ने पुलिस कर्मी से बहस की और अचानक उस पर पथराव शुरू कर दिया। पुलिस कर्मी ने जैसे-तैसे मौके से निकलकर खुद को सुरक्षित बचाया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही चंदन नगर क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिस बल भेजकर आरोपियों की तलाश की गयी। जावेद (25), इमरान खान (24), नासिर खां (58), सलीम खान (50) और समीर अनवर (22) को गिरफ्तार किया। मामले के एक फरार आरोपी की तलाश की जा रही है।
जैन ने बताया कि पुलिस कर्मी पर हमले को लेकर भारतीय दंड विधान की धारा 147 (बलवा), धारा 188 (किसी सरकारी अधिकारी का आदेश नहीं मानना), धारा 353 (लोक सेवकों को भयभीत कर उन्हें उनके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिये उन पर हमला) और अन्य सम्बद्ध प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है। पुलिस अधीक्षक ने कहा, " हम जिला प्रशासन से सिफारिश करने जा रहे हैं कि मामले के दो मुख्य आरोपियों-जावेद और इमरान पर एनएसए के तहत मामला दर्ज किया जाये।"
इस बीच, घटना का वीडियो भी सामने आया है जिसमें एक गली में सात-आठ बलवाइयों से घिरा पुलिस आरक्षक उनसे बचने के लिये दौड़ लगाता नजर आ रहा है। ये लोग पुलिस कर्मी के पीछे दौड़ते हुए उस पर पत्थर चलाते दिखायी दे रहे हैं। बलवाइयों में शामिल एक व्यक्ति को सड़क पर पड़ा डंडा उठाकर पुलिस कर्मी के पीछे भागते देखा जा सकता है। इससे पहले, शहर के टाटपट्टी बाखल इलाके में एक अप्रैल को पथराव में दो महिला डॉक्टरों के पैरों में चोटें आयी थीं। दोनों महिला डॉक्टर कोरोना वायरस के खिलाफ अभियान चला रहे स्वास्थ्य विभाग के पांच सदस्यीय दल में शामिल थीं। यह दल कोरोना वायरस संक्रमण के एक मरीज के संपर्क में आये लोगों को ढूंढने गया था। इंदौर, कोविड-19 के प्रकोप से देश में सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में शामिल है। कोरोना वायरस के मामले सामने आने के बाद से प्रशासन ने 25 मार्च से शहरी सीमा में कर्फ्यू लगा रखा है।
कर्फ्यू तोड़कर घूम रहे दो लोगों ने पुलिस कर्मियों पर थूका, गिरफ्तारी के बाद जेल भेजे गए
मध्य प्रदेश के इंदौर में ड्यूटी पर तैनात पुलिस कमियों से बदसलूकी की नयी घटना सामने आयी है। कर्फ्यू तोड़कर शहर में घूमने का सबब पूछे जाने पर दो लोगों ने ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों पर कथित रूप से थूक दिया। पुलिस के मुताबिक गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों को एक स्थानीय अदालत के आदेश पर जेल भेज दिया गया है। संयोगितागंज पुलिस थाने के प्रभारी राजीव त्रिपाठी ने बुधवार को बताया कि सोमवार को दो लोग बिना मास्क लगाये शहर में मोटरसाइकिल पर घूम रहे थे। छावनी चौराहे पर ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोककर पूछा कि कर्फ्यू लगा होने के बावजूद वे घर से बाहर क्यों हैं? त्रिपाठी ने कहा, "पूछताछ के दौरान दोनों युवकों ने मौके पर तैनात पुलिस कर्मियों पर थूक दिया।"
थाना प्रभारी ने बताया कि इस वाकये के बाद गिरफ्तार आरोपियों की पहचान जुजेर हुसैन जावदवाला (35) और मोइज अली जावदवाला (30) के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 188 (किसी सरकारी अधिकारी का आदेश नहीं मानना), धारा 269 (ऐसा लापरवाही भरा काम करना जिससे किसी जानलेवा बीमारी का संक्रमण फैलने का खतरा हो) और अन्य सम्बद्ध प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है। यह रिपोर्ट पुलिस के एक सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) की ओर से दर्ज करायी गयी है। त्रिपाठी ने यह भी बताया कि शहर की एक अदालत ने दोनों की जमानत अर्जी खारिज दी, जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। इंदौर कोविड-19 के प्रकोप से देश में सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में शामिल है। कोरोना वायरस के मामले सामने आने के बाद प्रशासन ने 25 मार्च से शहरी सीमा में कर्फ्यू लगा रखा है।