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Hindi News भारत राष्ट्रीय युद्धाभ्यास: अमेरिका संग मिलकर गरजे भारत के टैंक और हेलीकॉप्टर, देखिए VIDEO

युद्धाभ्यास: अमेरिका संग मिलकर गरजे भारत के टैंक और हेलीकॉप्टर, देखिए VIDEO

राजस्थान में बीकानेर के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज (Mahajan Field Firing Ranges, MFFR) में भारत-अमेरिका का 16वां संयुक्त सैन्य अभ्यास 'युद्ध अभ्यास (Yudh Abhyas)' चल रहा है।

युद्धाभ्यास: अमेरिका संग मिलकर गरजे भारत के टैंक और हेलीकॉप्टर, देखिए VIDEO- India TV Hindi Image Source : @SWCOMD_IA युद्धाभ्यास: अमेरिका संग मिलकर गरजे भारत के टैंक और हेलीकॉप्टर, देखिए VIDEO

नई दिल्ली। LAC पर चीन को साइडलाइन करने के बाद एक और बॉर्डर पर बहुत हलचल हो रही है। LAC पर तो गोली नहीं चली लेकिन यहां बड़े-बड़े गोले दाग़े जा रहे हैं। ये सबकुछ हो रहा है, पाकिस्तान बॉर्डर से सिर्फ़ 100 किलोमीटर दूर राजस्थान की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में। राजस्थान में बीकानेर के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज (Mahajan Field Firing Ranges, MFFR) में भारत-अमेरिका का 16वां संयुक्त सैन्य अभ्यास 'युद्ध अभ्यास (Yudh Abhyas)' चल रहा है। युद्धाभ्यास में दोनों देशों की सेनाएं संयुक्त रूप से रण कौशल का प्रदर्शन कर रही हैं और फील्ड फायरिंग रेंज के रेतीले धोरों पर आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त लड़ाई की तकनीक को साझा कर रही हैं।

एमआई-17 परिवहन हेलिकॉप्टर ने भी भरी उड़ान 

भारत-अमेरिका सौनिकों की ये एक्सरसाइज़ बहुत मायनों में खास है। यहां भारत के टैंक हैं, अमेरिकी सेना की बख़्तरबंद गाड़ियां हैं। आसमान में हेलिकॉप्टर मंडरा रहे हैं।  थार के रेगिस्तान में शनिवार को सेना के दो अपाचे हेलिकॉप्टरों की गूंज सुनाई दी। राजस्थान की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज (Mahajan Firing Range) में भारत और अमेरिकी सेनाओं के संयुक्त अभ्यास के दौरान सैनिकों ने दो के बैच में चार एमआई-17 परिवहन हेलिकॉप्टर से उड़ान भरी। 

अमेरिका के साथ संयुक्त अभ्यास का हिस्सा बने लद्दाख में तैनात टैंक और हेलिकॉप्टर

राजस्थान की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में चीन के साथ सीमा विवाद के बाद लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तैनात टैंक और विमान भी इस ड्रिल का हिस्सा हैं। इस अभ्यास या ड्रिल के दौरान, महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में अफगानिस्तान और इराक जैसी नकली आतंकवादी परिस्थितियां (मॉक टेरर सिचुएशन) बनाई गई और भारतीय व अमेरिकी सेनाओं की संयुक्त टीम द्वारा जवाबी कार्रवाई की गई। इसके कुछ मिनट बाद ही मल्टी-मिशन हेलीकॉप्टर चिनूक एक बख्तरबंद परिवहन वाहन के साथ दिखाई देता है, जो इसे निर्दिष्ट स्थान पर छोड़कर वापस चला जाता है। इस दौरान कुछ समय पहले तक हवा में मंडरा रहा अपाचे भी रुक जाता है और सैनिक जमीन पर उतरते हैं और अब वे कार्रवाई के लिए तैयार हैं। यह सारी प्रक्रिया संयुक्त अभ्यास का हिस्सा रही। 

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एक तरफ़ भारत ने चीन को LAC पर अपनी मिलिट्री डिप्लोमेसी से सेट कर दिया है। वहीं भारत की दूसरी मिलिट्री डिप्लोमेसी देखिए, अमेरिका के नये पावर सेंटर के साथ भी भारत की डिफेंस पार्टनरशिप मज़बूत है। महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में बहुत कुछ हो रहा है। भारत और अमेरिका की डिफेंस पार्टनरशिप के बारे में अमेरिका के मेजर गैरिसन कहते हैं कि ये हमारे लिये बहुत इज़्ज़त की बात है कि हम भारतीय सेना के साथ यहां ट्रेनिंग कर रहे हैं। हम जानते हैं कि भारत से बहुत कुछ सीखा जा सकता है और यहां हमने भी अपने बहुत से अनुभव साझा किये हैं। मेजर गैरिसन उस यूनिट का हिस्सा हैं, जो अमेरिका में घोस्ट ब्रिगेड के नाम से जानी जाती है। 

अमेरिका लाया है खास बख़्तरबंद स्ट्राइकर गाड़ी

युद्धाभ्यास में अमेरिका इस बार खास अपनी बख़्तरबंद गाड़ी स्ट्राइकर भी लेकर भारत आया है। स्ट्राइकर इस ब्रिगेड को भूतिया ब्रिगेड कहा जाता है। स्ट्राइकर एक बख़्तरबंद गाड़ी है, जिसमें 8 पहिए होते हैं। इसमें 9 सैनिक बैठते हैं। 16 टन की इस गाड़ी में 30 एमएम की गन लगी है। नेटवर्क सेंट्रिक वॉरफेयर में ये दुनिया का सबसे आधुनिक इनफैंट्री कॉम्बैट व्हिकल माना जाता है, ये एक तरह से ये बैटलफील्ड में लोकल कमांड सेंटर के तौर पर काम करता है। अमेरिका के पास ऐसी क़रीब साढ़े 4 हज़ार बख़्तरबंद गाड़ियां हैं। 2001 में सेना में शामिल होने के बाद अमेरिका इनका इस्तेमाल इराक़, अफ़ग़ानिस्तान और सीरिया में कर चुका है। हम घोस्ट ब्रिगेड हैं, ये नाम हमें अपनी पहली डिप्लॉयमेंट से मिला है, जब हमें 2003 में पहली बार ये बख़्तरबंद गाड़ी स्ट्राइकर मिली थी, हम इराक़ में तैनात हुए थे, तब हमें ये नाम मिला क्योंकि इस स्ट्राइकर व्हिकल के साथ हम बहुत ख़ामोशी से दुश्मन के इलाक़े में जाते थे और उन्हें आसानी से हरा देते थे।

अमेरिकी स्ट्राइक के साथ यहां भारत के टी-90 टैंक हैं और BMP इंफैंट्री व्हिकल भी है। दोनों ही इस वक़्त भारत की स्ट्राइक कोर की सबसे बड़ी ताक़त हैं। ज़ाहिर है कि स्ट्राइकर का इसमें बड़ा रोल है, जो भारत की ही बख़्तरबंद गाड़ियों के साथ मिलकर युद्धाभ्यास कर रहा है। टी-90 और BMP के बीच इसकी मौजूदगी साबित करती है कि भारत और अमेरिका कैसे मिलकर एक ऑपरेशन को अंजाम दे सकते हैं। संयुक्त युद्धाभ्यास के दौरान सैनिकों ने आतंकवाद निरोधक अभ्यास भी किया और विपरीत परिस्थियों में किस प्रकार से कार्रवाई करनी है, इसके लिए विभिन्न गतिविधियों में हिस्सा लिया। मॉक काउंटर आतंकी ऑपरेशन के दौरान, आर्मी एविएशन द्वारा फायर सपोर्ट दिया गया था। चार स्वदेशी रूप से उन्नत लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) रुद्र ने मिसाइलों से लक्ष्य को मारा। आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट करने के साथ ड्रिल का समापन हुआ।

21 फरवरी को होगा समापन

यह भारत और अमेरिकी सेना के बीच एक द्विपक्षीय युद्ध अभ्यास है और फिलहाल इसका 16वां संस्करण जारी है। यह 8 फरवरी को शुरू हुआ था, जिसका समापन 21 फरवरी (रविवार) को होगा। डोगरा के सैन्य कमांडर जनरल जोरावर सिंह के नाम पर ड्रिल का नाम जोरावर रखा गया, जिन्हें 'लद्दाख का विजेता' के रूप में जाना जाता है। ड्रिल का फोकस काउंटर टेरर ऑपरेशंस पर है। इसके अलावा दोनों देशों के सैनिक हथियारों, युद्धक्षेत्र आघात प्रबंधन, आकस्मिक निकासी, सामरिक स्तर की पूछताछ, खुफिया संग्रह, ट्रैकिंग और विभिन्न उन्नत तकनीक के साथ अपना अनुभव साझा कर रहे हैं। अमेरिकी सेना के कुल 240 सैनिक अभ्यास का हिस्सा हैं।

(With inputs from IANS)

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