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Hindi News भारत राष्ट्रीय सिख अंगरक्षकों ने 31 अक्तूबर को की थी इंदिरा गांधी की हत्या, ऑपरेशन ब्लू स्टार के 4 महीने बाद हादसा

सिख अंगरक्षकों ने 31 अक्तूबर को की थी इंदिरा गांधी की हत्या, ऑपरेशन ब्लू स्टार के 4 महीने बाद हादसा

जून 1984 में अमृतसर में सिखों के पूजनीय स्थल स्वर्ण मंदिर से आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया था

Indira Gandhi Death Anniversary on October 31st- India TV Hindi Indira Gandhi Death Anniversary on October 31st

नई दिल्ली। देश में 31 अक्तूबर का इतिहास के इतिहास को देखें तो इस दिन देश की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या भी हुई थी। 31 अक्तूबर की तारीख इतिहास में इंदिरा गांधी की हत्या के दिन के तौर पर दर्ज है। फौलादी इरादों और निडर फैसलों वाली देश की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को इस दिन सुबह सवेरे उनके सिख अंगरक्षकों ने मौत के घाट उतार दिया था।

इंदिरा गांधी ने 1966 से 1977 के बीच लगातार तीन बार देश की बागडोर संभाली और उसके बाद 1980 में दोबारा इस पद पर पहुंचीं और 31 अक्टूबर 1984 को पद पर रहते हुए ही उनकी हत्या कर दी गई। 19 नवंबर 1917 को इलाहाबाद में जन्मीं इंदिरा प्रियदर्शिनी गांधी आकर्षक व्यक्तित्व वाली मृदुभाषी महिला थीं और अपने कड़े से कड़े फैसलों को पूरी निर्भयता से लागू करने का हुनर जानती थीं।

जून 1984 में अमृतसर में सिखों के पूजनीय स्थल स्वर्ण मंदिर से आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया था। इसके अलावा 1975 में आपातकाल की घोषणा और उसके बाद के घटनाक्रम को भी उनके एक कठोर फैसले के तौर पर देखा जाता है। 

इंदिरा गांधी ने जून 1984 में पंजाब में ऑपरेशन ब्लू स्टार का आदेश देकर स्वर्ण मंदिर में सिख आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया गया था। पहली जून से लेकर 8 जून तक चले ऑपरेशन ब्लू स्टार के तहत अमृतसर में स्वर्ण मंदिर में छिले सिख आतंकियों का खात्मा किया गया था। इस ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए सेना को स्वर्ण मंदिर में टैंक तक ले जाने पड़े थे और ऐसा माना जाता है कि सिख समुदाय में इस कार्रवाई के खिलाफ रोष था। ऑपरेशन ब्लू स्टार के लगभग 4 महीने के बाद यानि 31 अक्तूबर 1984 को इंदिरा गांधी के 2 सिख अंगरक्षों सतवंत सिंह और बेअंत सिंह ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।

इतिहास में दर्ज इंदिरा गांधी पर हुए हमले की रिपोर्ट्स के मुताबिक इंदिरा गांधी पर उसके अंगरक्षकों ने अपनी ऑटोमैटिक बंदूकों से कुल 33 गोलियां चलाई थीं जिसमें से उन्हें 30 गोलियां लगीं थी। दोनो अंगरक्षक हमलावलों ने बाद में खुद ही आत्मसमर्पण कर दिया था। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश में सिखों के खिलाफ हुए दंगों में हजारों सिखों को मौत के घाट उतार दिया गया था।

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