प्रधानमंत्री नेरेंद्र मोदी आज बेंगलुरू पहुंचे। यहां उन्होंने कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय (यूएएस) में भारतीय विज्ञान कांग्रेस के 107 वें सत्र का उद्घाटन किया। इस मौके पर मोदी ने विकास में विज्ञान के योगदान पर कहा कि देश के हर परिवार तक शौचालय और बिजली पहुँची है इसके पीछे टेक्नोलॉजी ही है। गाँव में सड़कें समय पर पूरी हो रही हैं गरीब के लिए 2 करोड़ मकान पूरे हुए हैं ये टेक्नोलॉजी की ताकत है। टेक्नोलॉजी की वजह से सभी अहम काम समय और पूरे हो रहे हैं। आज किसान बिचौलियों के बगैर अपने उत्पादों को सीधे बाजार में बेच पा रहे हैं। किसानों को E गवर्नेंस की वजह से सभी अहम जानकारियां उन्हें उंगलियों पर मिल रही है।आने वाला दशक विज्ञान और टेक्नोलॉजी की भूमिका अहम रहने वाली हैै।
विज्ञान कांग्रेस में इस बार का थीम ग्रामीण विकास: विज्ञान एवं प्रद्योगिकी हैै। 7 जनवरी तक चलने वाले इस विज्ञान कांग्रेस में कृषि क्षेत्र में हुए इनोवेशन्स प्रदर्शित किए जाएंगे। यहां नोबल पुरस्कार विजेता भी सत्र को संबोधित करेंगे। यहां पर शोध पत्र भी पेश होंगे। देश भर के 150 एक्जीबीटर्स अपने उत्पादों और इन्वेंशन्स का प्रदर्शन कर रहे हैं।
विज्ञान कांग्रेस के परिसर में इसरो, डीआरडीओ, सीएसआईआर, डीएई के पैवेलियन भी लगे हैं बता दें कि भारतीय विज्ञान कांग्रेस का पहला सत्र वर्ष 1914 में 15-17 जनवरी आयोजित हुआ था। पहले विज्ञान सत्र की अध्यक्षता तत्कालीन कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति आशुतोष मुखर्जी ने किया था। पहले विज्ञान कांग्रेस में कुल 35 शोध पत्र पेश हुए थे। उस समय विज्ञान कांग्रेस के 105 सदस्य थे जो आज 16 हजार से अधिक हो चुके हैं।
विज्ञान कांग्रेस का शताब्दी समारोह 2013 में कोलकाता में हुआ। अध्यक्षता तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने की। यह विज्ञान कांग्रेस का 107 वां अधिवेशन है। कर्नाटक में इससे पहले वर्ष 2016 में मैसूरु में विज्ञान कांग्रेस का आयोजन हुआ था।
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