नयी दिल्ली: भारतीय रेल ने ट्रेन चालकों को सिग्नल के करीब होने का ध्यान दिलाने के लिए पटरियों से पटाखे बांधने की आजमायी पद्धति की जगह अब एक नयी प्रणाली का इस्तेमाल करने का फैसला किया है जिससे सुनिश्चित होगा कि ट्रेन कोहरे के मौसम में धीमी चाल से नहीं चले। फॉग पास (फॉग पायलट असिस्टेंस सिस्टम) या एफएसडी उपकरण में जीपीएस लगा हुआ है और वह अगले स्थल चिह्न के संबंध में ट्रेन की दूरी की लगातार गणना कर सकता है जिससे चालक यह जानने में सक्षम होंगे कि सिग्नल कब आ रहा है।
भारतीय रेल ने हाल में कोहरे से सर्वाधिक प्रभावित होने वाले रेल जोन - उत्तर, उत्तर-मध्य, उत्तर-पूर्वी और उत्तर-पश्चिमी - में इस तरह के 4,920 उपकरण लगाए हैं। इस शुक्रवार तक दो और जोन - पूर्व-मध्य और उत्तरपूर्व-सीमांत - में इस तरह के 1,175 उपकरण लगा दिए जाएंगे जिससे कुल उपकरणों की संख्या 6,095 हो जाएगी।
आपको बता दें कि सर्दी के मौसम में कोहरे के चलते उत्तर भारत में अधिकांश ट्रेनों काफी विलंब से चलती हैं जिससे यात्रियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। कई ट्रेनें 24 घंटे तक की देरी से चलती हैं। इतना ही नहीं देरी के चलते कई ट्रेनों को कैंसिल भी कर दिया जाता है। इन सब परेशानियों से निजात पाने के लिए जीपीएस की इस तकनीक का सहारा लिया है।
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