खुशखबरी! इस रूट पर अब बढ़ जाएगी ट्रेनों की रफ्तार, सफर होगा और आसान
इस रेलखंड के विद्युतीकरण का काम पूरा होने से ट्रेनों की रफ्तार बढ़ जाएगी और यात्रियों का सफर अब पहले की तुलना में काफी आसान हो जाएगा।
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के निमतिता-न्यू फरक्का रेलखंड के विद्युतीकरण का काम पूरा करने के साथ ही पूर्व रेलवे ने 100 प्रतिशत विद्युतीकरण के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है। इस रेलखंड के विद्युतीकरण का काम पूरा होने से ट्रेनों की रफ्तार बढ़ जाएगी और यात्रियों का सफर अब पहले की तुलना में काफी आसान हो जाएगा। पूर्व रेलवे के 100 फीसदी विद्युतीकरण लक्ष्य को पूरा करने के साथ ही रेलवे अब पूर्ण विद्युतीकरण के लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। रेलवे ने दिसंबर 2023 तक पूर्ण विद्युतीकरण का लक्ष्य रखा है और इस ओर तेजी से बढ़ रहा है। इससे न केवल रेल की रफ्तार बढ़ेगी बल्कि पर्यावरण में कार्बन फुटप्रिंट कम होंगे।
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आधुनिकीकरण के लिए 50 लाख करोड़ रुपए के पूंजीगत निवेश की जरूरत
एक अनुमान के मुताबिक भारतीय रेल को 2030 तक नेटवर्क विस्तार सहित विभिन्न आधुनिकीकरण कार्यों के लिए 50 लाख करोड़ रुपए के पूंजीगत निवेश की जरूरत होगी। यह जानकारी हाल ही में राज्यसभा में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एक जवाब के क्रम में दी थी। वहीं उन्होंने रेलवे के निजीकरण से इनकार किया। गोयल ने बताया- ‘भारतीय रेल के निजीकरण का कोई प्रस्ताव नहीं है। बहरहाल, ऐसा अनुमान है कि भारतीय रेल को 2030 तक नेटवर्क विस्तार और क्षमता संवर्धन और अन्य आधुनिकीकरण कार्यों के लिए 50 लाख करोड़ रुपए के पूंजीगत निवेश की जरूरत होगी ताकि बेहतर ढंग से यात्री और माल सेवाएं दी जा सकें।’’
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रेग्युलर ट्रेन सर्विस बहाल करने के लिए रेलवे तैयार
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने हाल में सदन में कहा था कि भारतीय रेलवे कोविड-19 से उत्पन्न स्थिति पर गहन नजर रखे हुए है और नियमित ट्रेन परिचालन बहाल करने के लिये हर प्रकार से तैयार है। उन्होंने कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिये भारत सरकार द्वारा जारी मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुसार भारतीय रेलवे ने 23 मार्च 2020 से सभी नियमित यात्री गाड़ियों को रोक दिया था। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा समय-समय पर जारी अनुदेशों के अनुपालन के क्रम में 1 मई 2020 से श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने के बाद 12 मई से राजधानी स्पेशल ट्रेन और 1 जून 2020 से अन्य स्पेशल ट्रेन्स चलायी गयीं। ट्रेनों की संख्या में चरणबद्ध तरीके से वृद्धि की गई थी।