नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने गुरुवार को ट्वीट अतिरिक्त किराया वसूलने की खबरों का खंडन करते हुए सफाई दी है। रेल मंत्रालय ने ट्वीट करते हुए यात्रियों से ज्यादा पैसे वसूले जाने की रिपोर्ट को भ्रामक और आधारहीन करार दिया है। रेल मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि त्योहारों के दौरान यात्री ट्रेनों की बढ़ती मांग को देखते हुए भीड़ को कम करने के लिए फेस्टिवल और हॉलि-डे स्पेशल ट्रेनें लगातार चलाई जा रही हैं। कई सेक्टरों पर मांग बढ़ी है, जिन पर फेस्टिवल ट्रेनें चलाई जा रही हैं।
2 एस श्रेणी पैसेंजर्स से 15 रुपए से अतिरिक्त नहीं वसूला जा सकता
व्यवस्था के मुताबिक, 2015 के बाद से इस तरह की ट्रेनों का किराया थोड़ा अधिक रखा गया है। यह एक स्थापित अभ्यास है। इस साल भी इसमें किसी तरह का कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। रेलवे की तरफ से बयान में आगे कहा गया है कि अन्य ट्रेनों के अलावा जिन ट्रेनों को चलाया जा रहा है, उन सभी ट्रेनों में बड़ी संख्या में 2 एस श्रेणी के डिब्बे हैं, जिनका आरक्षित श्रेणी में सबसे कम किराया है। पॉलिसी के मुताबिक स्पेशल फेयर केस में भी 2 एस श्रेणी पैसेंजर्स से 15 रुपए से अतिरिक्त नहीं वसूला जा सकता है। पूर्व कोविड की तुलना में 40 प्रतिशत यात्रियों ने अनारक्षित 2 एस श्रेणी वर्ग में बेहतर स्थिति में यात्रा की है।
रेलवे ने किया खारिज
रेलवे ने कहा कि ऐसी रिपोर्ट्स थी की जनरल क्लास में सफर करने वाले यात्रियों को टिकट अब बिना रिजर्वेशन के नहीं मिलेगा। चाहे वो कितना भी छोटी अवधि का सफर क्यों न करें। ऐसे में पहले से अधिक जेब यात्रियों को टिकट बुक करते समय करने होगी। इसके अलावा ट्रेन आने से सिर्फ आधे घंटे पहले टिकट विंडो ओपन होगी और यहां भी यात्रियों को रिजर्वेशन वाला टिकट ही मिलेगा।
रेलवे ने किराया बढ़ाने को लेकर स्थिति की साफ
बता दें कि देश में जारी कोरोना संकट के बीच रेलवे की कुछ सीमित ट्रेनें ही पटरी पर दौड़ रही है। कोरोना काल में हुए रेलवे को नुकसान को लेकर आशंका जताई जा रही थी कि रेलवे घाटे की भरपाई के लिए किराये में इजाफा कर सकता है। हालांकि कि ताजा बयान से यह साफ हो गया है कि रेलवे किराये में बढ़ोतरी का कोई विचार नहीं कर रहा। गौरतलब है कि रेलवे की तरफ से कोविड-19 के प्रसार को रोकथाम के लिए 22 मार्च से बंद ट्रेनों का संचालन चरणबद्ध तरीके से किया गया है। कोरोना के समय में भी रेलवे ने संचालन शुरू किया और करीब 60 प्रतिशत के क्षमता के साथ यात्रियों को उनके गंतव्य स्थान पर पहुंचाया। इस समय कुल 1058 मेल/एक्सप्रेस, 4807 उपनगरीय सेवाएं और 188 यात्री ट्रेनें नियमित रूप से चल रही हैं।
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