नई दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबान के लौटने के साथ हिंसा का दौर शुरू हो गया है और वहां रह रहे भारतीयों को निशाना बनाया जा रहा है। भारत में अफगानिस्तान के राजदूत ने बताया है कि गुरुवार रात को कंधार में भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दिकी की हत्या कर दी गई है। दानिश सिद्दिकी की हत्या किसने की है और क्या कारण है, इसके बारे में अभी जानकारी सामने नहीं आई है लेकिन जिस तरह से अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी हो रही है, उसे देखते हुए हत्या को तालिबान से जोड़ा जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक पत्रकार दानिश इंटरनेशनल एजेंसी रॉयटर्स से जुड़े थे। वे तालिबान की कवरेज के कंधार गए थे। इसी महीने की 13 तारीख को भी उनपर हमला हुआ था। हालांकि इस हमले में वे बाल-बाल बच गए थे।
इससे पहले भारत ने अफगानिस्तान में सुरक्षा की बिगड़ती स्थिति, कंधार के आस-पास के नए इलाकों पर तालिबान के कब्जे और चरमपंथी समूह तथा अफगान बलों के बीच भीषण संघर्ष के मद्देनजर इस दक्षिणी अफगान शहर में स्थित अपने वाणिज्य दूतावास से करीब 50 राजनयिकों और सुरक्षा कर्मियों को सैन्य विमान की मदद से वहां से बाहर निकाल लिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि कंधार में भारतीय वाणिज्य दूतावास को बंद नहीं किया गया है और स्थानीय कर्मचारियों की मदद से इसका संचालन होता रहेगा। कंधार में बिगड़ती स्थिति और तालिबान के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर विमान से भारतीय राजनयिकों, अधिकारियों और अन्य कर्मियों को शनिवार को वापस ले आया गया। इनमें भारतीय-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के कर्मी भी शामिल हैं।
आपको बता दें कि तालिबान ने पिछले कुछ सप्ताह में कई रणनीतिक जिलों में नियंत्रण हासिल किया है, जिनमें विशेष रूप से ईरान, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान की सीमाओं से लगे इलाके हैं। तालिबान का नियंत्रण अफगानिस्तान के कुल 421 जिलों और जिला केंद्रों में से एक-तिहाई से भी अधिक पर है। हालांकि, तालिबान का यह दावा बढ़ा-चढ़ाकर किया गया लगता है कि उन्होंने 85 प्रतिशत जिलों पर कब्जा कर लिया है।
इनपुट-भाषा
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