पाकिस्तान की कराची जेल में बंद एक भारतीय मछुआरे का शव अंतत: गुजरात के उना स्थित उसके परिवार तक पहुंच गया है। इस मछुआरे की कराची जेल में इसी साल सितंबर में मौत हो गई थी। मृतक मछुआरे का नाम नानुभाई सोलंकी है। पिछले साल नवंबर में पाकिस्तानी तट रक्षकों द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था। नानुभाई बीमार चल रहे थे, इसी के चलते 20 सितंबर को उनकी मौत हो गई थी।
सोलंकी गुजरात के गिर सोमनाथ जिले की उना तहसील में रहते थे। सोलंकी का शव कराची के इधी फाउंडेशन के मुर्दाघर में रखा गया था। फोरम फॉर पीस एंड डेमोक्रेसी के कार्यकर्ता जतिन देसाई ने बताया कि इस समय 460 भारतीय मछुआरे अभी भी पाकिस्तानी जेलों में बंद हैं। इसके विपरीत भारतीय जेलों में सिर्फ 90 पाकिस्तानी कैदी बंद हैं।
देसाई के मुताबिक दोनों देशों को इस कार्यप्रणाली में सुधार के लिए काम करना होगा। यदि किसी दूसरे देश में कैदी की मौत होती है तो उसे तुरंत उसके देा भेजने की व्यवस्था होनी चाहिए। लेकिन दुर्भाग्य से इसमें कम से कम 1 महीने का वक्ल लग जाता है। सोलंकी के मामले में यह इंतजार 2 महीने से अधिक का था।
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