नई दिल्ली: भारत में कंपनियों और पुनर्चक्रण कार्य से जुड़ी इकाइयों द्वारा 1,21,000 मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरा बड़ी होशियारी से भारत आयात किया जा रहा है, जिससे प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के प्रयास प्रभावित हो रहे हैं। एनजीओ ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति मंच’ द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह बात कही गई है। अध्ययन के मुताबिक इसमें से भारत में 55 हजार मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरा केवल पाकिस्तान और बांग्लादेश से आ रहा है।
अध्ययन में कहा गया कि ‘‘55 हजार मीट्रिक टन कचरा पाकिस्तान और बांग्लादेश से संयुक्त रूप से आ रहा है। पश्चिम एशिया, यूरोप और अमेरिका सहित 25 से अधिक देशों से प्लास्टिक कचरे का आयात हो रहा है।’’ अध्ययन के मुताबिक, भारतीय पुनर्चक्रण इकाइयां और प्लास्टिक कंपनियां इस्तेमाल की गई पीईटी (पॉलीथिलीन टेरेप्थेलेट) प्लास्टिक बोतलों को बड़ी होशियारी से महीन कचरे के रूप में आयात कर रही हैं। वहीं, रोजाना पैदा हो रहे टनों प्लास्टिक कचरे का निस्तारण नहीं हो रहा है और यह सागरों तथा लैंडफिल में डंप किया जा रहा है।
यह अध्ययन अप्रैल 2018 से फरवरी 2019 के बीच किया गया। अध्ययन के मुताबिक 19 हजार मीट्रिक टन से अधिक प्लास्टिक कचरा दिल्ली में आयात किया जा रहा है। अध्ययन में इस बढ़ते आयात पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा गया कि यह प्लास्टिक प्रदूषण को नियंत्रित करने के प्रयासों को बाधित कर सकता है।
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