आतंकियों को पनाह देने और भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाकिस्तान अब आपसी संबंधों के और भी निचले स्तर पर उतर आया है। पाकिस्तान अपने देश में मौजूद भारतीय राजनयिकों को विभिन्न प्रकार से प्रताडि़त भी करने लग गया है। सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान जाने वाले भारतीय राजनयिकों को जरूरी सेवाएं उपलब्ध कराने में गैरजरूरी देरी की जाती है यहां तक कि अधिकारियों का इंटरनेट कनेक्शन भी बाधित किया जा रहा है।
समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने इस बात की शिकायत की है कि पाकिस्तान में उन्हें गैस कनेक्शन पाने में मुश्किल हो रही है। वहां की एजेंसियों जानबूझ कर कनेक्शन देने में देरी कर रही हैं। इतना ही नहीं उच्चायोग के कई वरिष्ठ अधिकारियों के इंटरनेट कनेक्शन भी ब्लॉक किए गए हैं।
इतना ही नहीं उच्चायोग में आने वाले लोगों के साथ भी कड़ी पूछताछ की जा रही है। वहीं पाकिस्तान में उच्चायोग के अधिकारियों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। उच्चायोग से बाहर निकलते ही पाकिस्तानी एजेंसियों की कारें पीछे लग जाती है। इतना ही नहीं इसी महीने एक घुसपैठिया भी इस्लामाबाद स्थित उच्चायोग भवन के भीतर घुस आया था।
भारत ने इसे साफ तौर पर वियना समझौते का उल्लंघन माना है। इस साल की शुरुआत में ही दोनों देशों में 1961 में हुए समझौते को मानने पर सहमति दी थी। सूत्रों के अनुसार भारत ने मामले को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के सामने उठाया है।
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