हिमालय की ठंड से निकली ड्रैगन की अकड़, भारत की चीन के साथ जैसे को तैसा वाली स्ट्रैटजी
भारतीय सेना और चाइनीज आर्मी के बीच खूनी झड़प का यह वीडियो चीन के एक अखबार ने डाला है। यह चीन से लेकर पूरी दुनिया में यह जबरदस्त वायरल हो रहा है। पहाड़ी घाटी की पथरीली जमीन पर भारत और चीन के सैनिक लाठी-डंडे से लड़ रहे हैं।
नई दिल्ली: पैन्गोंग त्सो लेक के किनारे की चोटियों पर चीनी सैनिकों का दम फूल रहा है। देपसांग में ड्रैगन की सांसें उखड़ रही हैं। अभी तो ठंड शुरू ही हुई है। लद्दाख में हिमालय की ठंड ने अभी ही चीन की सारी अकड़ ढीली कर दी है। लद्दाख में चीनी सैनिकों के गिरने, बेहोश होने, ऑक्सीजन चढ़वाने और अस्पताल जाने के वीडियो जिनपिंग को परेशान कर रहे हैं। तो नई दिल्ली में भी इसकी लाइव स्ट्रीमिंग हो रही है। प्राइम मिनिस्टर ऑफिस में चीन की ये सारी कमजोरियां दिखाई जा रही हैं और इसी को देखकर आगे की स्ट्रैटजी प्लान की जा रही है।
चाइना स्टडी ग्रुप की टॉप लेवल मीटिंग
नई दिल्ली में शुक्रवार को चाइना स्टडी ग्रुप की टॉप लेवल मीटिंग हुई जिसमें चीन को लेकर भारत सरकार की लांग टर्म स्ट्रैटजी पर चर्चा की गई। चाइना स्टडी ग्रुप में डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह, फॉरेन मिनिस्टर एस जयशंकर, NSA अजित डोवाल, CDS जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे के अलावा एयर चीफ, नेवी चीफ शामिल हैं।चाइनीज़ आर्मी कमांडर के साथ छठे दौर की बातचीत होने वाली है.. उससे पहले सरकार ने ग्राउंड सिचुएशन को बारीकी से डिकोड किया.
चीन के साथ जैसे को तैसा वाली स्ट्रैटजी
मोदी सरकार चीन के साथ जैसे को तैसा वाली स्ट्रैटजी बनाकर चल रही है। ग्राउंड की रणनीति ग्राउंड सिचुएशन से तय की जा रही है. डिप्लोमेटिक लेवल पर चीन के झांसे और चीनी बयानबाजी पर ध्यान नहीं देने की स्ट्रैटजी बनाई गई है। जब तक अप्रैल 2020 वाली यथास्थिति बहाल नहीं होती, भारतीय सेना के पीछे हटने का सवाल ही नहीं है. इसमें चाहे जितना समय लगे सरकार धैर्य के साथ इंतजार करेगी।
पैंगोन्ग त्सो लेक के नॉर्थ और साउथ की चोटियों में भारतीय सेना ने मोर्चा जमा लिया है। फिंगर 4 के पश्चिम में भारतीय सेना ने वॉच टावर बनाया है. लेक के दक्षिण में ब्लैक टॉप से चीनी सैनिकों की सारी हरकतों को देखा जा सकता है। उन्हीं चोटियों पर लगी सेना की दूरबीनों ने ठंड से बीमार हो रहे चीनी सैनिकों को देखा है।
- लद्दाख में LAC पर एक लाख से ज़्यादा सैनिक जमा हैं।
- चीन अपने वेस्टर्न थिएटर कमांड के 50 हजार सैनिकों को LAC पर लेकर आया है।
- भारतीय सेना ने भी मैन टू मैन मार्किंग करके 50 हजार जवानों को तैनात किया है।
चीनी तोप के जवाब में भारत ने तोप तैनात किया है। चीनी टैंक के जवाब में भारत ने भी टैंक लगाया है और लद्दाख में इंडियन एयरफोर्स की सुप्रीमेसी की तो दुनिया कायल है। लेकिन फिलहाल तो चाइनीज़ सैनिक ठंड से हलकान हो रहे हैं। 16 से 17,000 फीट की ऊंचाई पर पैंगॉन्ग त्से झील के आसपास रात में तापमान -1 से -2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। ठंड के दिनों में यहां टेंपरेचर -30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है.. यानी चीन के लिए आने वाले दिन अभी और मुश्किल होने वाले हैं।
भारतीय सेना और चाइनीज आर्मी के बीच खूनी झड़प का यह वीडियो चीन के एक अखबार ने डाला है। यह चीन से लेकर पूरी दुनिया में यह जबरदस्त वायरल हो रहा है। पहाड़ी घाटी की पथरीली जमीन पर भारत और चीन के सैनिक लाठी-डंडे से लड़ रहे हैं। दोनों देशों के सैनिक एक दूसरे पर मुक्के बरसा रहे हैं और किक मार रहे हैं। भारतीय सैनिकों के मुक्के की मार से चीनी सैनिक पीछे हो जा रहे हैं। उनकी मदद के लिए और चीनी सैनिक आते हैं।
हांगकांग से छपने वाला चीनी अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट इसे गलवान घाटी का बता रहा है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने जो वीडियो डाला है उसे सबसे पहले 8 सितंबर को सोशल मीडिया पर डाला गया था। चीन इसे गलवान घाटी का बता रहा है। इस वीडियो के पीछे जो पहाड़ दिख रहे हैं और नीचे जो नदी बह रही है ऐसी ही लोकेशन गलवान घाटी की है। चाकू की धार जैसे नुकीले पत्थर भी गलवान घाटी के ही हैं।
यह वीडियो चीन का प्रोपेगेंडा भी हो सकता है। वीडियो काट-काटकर चीन अपने देश के लोगों को ही यह समझाने की कोशिश कर रहा है कि गलवान में भारतीय सेना के साथ खूनी भिड़ंत में वह बराबरी पर रहा था। जिनपिंग की प्रोपेगेंडा आर्मी डेढ़ मिनट की यह वीडियो क्लिप दिखाकर अपने लोगों को समझाने की कोशिश कर रही है। जिनपिंग को ऐसा क्यों करना पड़ रहा है उसे इस हेडलाइन से समझिए।
अमेरिकी अखबार द न्यूज़वीक की मीडिया रिपोर्ट में क्या है?
यह मीडिया रिपोर्ट कहती है कि गलवान में भारतीय सैनिक चीनी सेना पर भारी पड़े थे। गलवान में 15 जून 2020 को 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए और वहां 60 से ज़्यादा चाइनीज़ सैनिक मारे गए। गलवान झड़प के बाद राष्ट्रपति शी जिनपिंग को अपने देश में जवाब देना पड़ रहा है।
दरअसल चाइनीज अखबार का वीडियो चीन की प्रोपेगेंडा मशीन का पार्ट है। गलवान घाटी में 15 जून को हुई झड़प में चीन को जबरदस्त नुकसान हुआ था। अमेरिकी अखबार न्यूज़वीक ने चीन की हार के बारे में दुनिया को बता दिया है। उसी के बाद से चीन बौखलाया हुआ है और ये दिखाने की कोशिश कर रहा है कि गलवान में वह मार खाकर पीछे नहीं हटा था। लेकिन चीन अब कुछ भी कहे, उसकी कमजोरी दुनिया जान चुकी है।
- लद्दाख में चाइनीज़ आर्मी का सिर चकरा रहा है।
- चाइनीज़ सैनिकों की नसों में ख़ून जम रहा है।
- जिनपिंग की आर्मी ठंड से कांप रही है।
- चीनी सैनिक मोर्चे से ज़्यादा अस्पताल पहुंच रहे हैं।
- लद्दाख में चाइनीज आर्मी बीमार हो रही है।
प्रोपेगेंडा वीडियो में तो चीन ने बहुत तोप-गोले चलाए। लेकिन हिमालय की ठंड से सामना हुआ तो चाइनीज सैनिकों की हड्डियां कंपकंपाने लगी हैं। लद्दाख में लड़ाई शुरू होने से पहले ही चाइनीज़ आर्मी मौसम के आगे हथियार डाल रही है। स्ट्रेचर पर लद-लदकर चीनी सैनिक अस्पताल पहुंच रहे हैं। लद्दाख के जिन इलाकों में चीन पूरी ठंड में मोर्चा जमाने की सोचकर आया था वहां से उसके पैर उखड़ रहे हैं।