लेह/नई दिल्ली: लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को भारतीय और चीनी सैनिकों की खूनी मुठभेड़ के बाद से अभी तक भी वहां के हालातों में सुधार नहीं आया है। अब लद्दाख में भारतीय सेनाएं अलर्ट पर हैं। यहां वायुसेना ने LAC पर निगरानी बढ़ा दी है। भारतीय वायुसेना सेना हेलीकॉप्टर और विमानों से चीन की हरकतों पर नजर रख रही है। LAC के पास आसमान में भारतीय वायुसेना के चिनूक और अपाचे हेलीकॉप्टर तथा टोही विमान देखे गए। इनके जरिए भारतीय वायुसेना LAC पर नजर बनाए हुए है।
बता दें कि हाल ही में सैटेलाइट तस्वीरों के सामने आने के बाद गलवान घाटी में चीन की हरकतों का बड़ा खुलासा हुआ है। सैटेलाइट तस्वीरों से साफ पता चलता है कि चीन ने करीब एक हफ्ते पहले ही इसकी तैयारी शुरू कर दी थी। चौकाने वाली बात यह है कि चीन ने गलवान नदी की धारा रोकने के लिए बांध भी बना दिया हैं। सैटेलाइट नक्शे प्रदान करने वाली कंपनी प्लैनेट लैब्स ने खुलासा किया है कि किस तरह 9 जून से 16 जून के बीच चीन ने गलवान घाटी में अपनी तैनाती के साथ ही पूरी तस्वीर बदल दी।
प्लेनेट लैब्स ने 9 जून और 16 जून की सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं। सैटेलाइट तस्वीर से साफ पता चल रहा है कि एक हफ्ते में पूरी गलवान घाटी में चीन ने कायापलट कर दिया। 9 जून को जहां पूरा इलाका खाली था, चीनी सीमा के कई किलोमीटर अंदर तक चीन की कोई हलचल नहीं थी। वहीं हफ्ते भर में 16 जून तक यहां चीन ने एलएसी के पास बड़ी संख्या में निर्माण कर लिया है। चीन ने यहां टैंट और वॉच टावर बना लिए हैं। ये टैंट और टावर जले दिख रहे हैं।
Image Source : PLANET LABSSatellite Image
बता दें कि भारतीय सेना ने इन टैंट को जला दिया था, जिससे 15 जून को विवाद पैदा हुआ था। इस इलाके में न सिर्फ चीन की सेना का मूवमेंट हुआ है, वहीं यहां पर चीन ने हैवी मशीनरी जमा कर ली है। चीन ने भारत के साथ हुए समझौत का उल्लंघन करते हुए न सिर्फ यहां पर टैंट और वॉच टावर स्थापित किए, वहीं चीन ने गलवान नदी का पानी रोकने के लिए बांध भी बना दिया था।
इसी के पास चीनी सेना के बड़े ट्रक और मशीनरी खड़ी दिख रही हैं। इससे थोड़ी दूर पर ट्रकों का अंबार खड़ा कर दिया गया था। वहीं इससे पीछे चीन ने गलवान नदी पर पुल बनाते हुए पूरी सेना का जमावड़ा खड़ा कर दिया था।
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