चीन सीमा पर तैनात भारतीय जवानों को सुरक्षा के लिए मिले ये खास अमेरिकी हथियार
भारतीय सेना ने एलएसी के पास लद्दाख के न्योमा में अग्रिम ठिकानों पर तैनात सैनिकों को अब चीन के साथ सीमा की रक्षा के लिए अमेरिकी सिग सॉयर 716 असॉल्ट राइफलें और स्विस एमपी-9 पिस्टल बंदूकें प्रदान की जा रही हैं।
नई दिल्ली। भारतीय सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास लद्दाख के न्योमा में अग्रिम ठिकानों पर तैनात भारतीय सेना के सैनिकों को अब चीन के साथ सीमा की रक्षा के लिए अमेरिकी सिग सॉयर 716 असॉल्ट राइफलें और स्विस एमपी-9 पिस्टल बंदूकें दी जा रही हैं। भारत और चीन के बीच LAC पर पिछले कुछ समय से सीमा विवाद को लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है और दोनों देशों के बीच कमांडर लेवल की बातचीत का दौरा जारी है। हालांकि, इस बातचीत में दोनों के बीच विवादित स्थान से सैनिकों को पीछे हटाने की सहमति बनी है। इधर सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच सुलह की कोशिशें आगे बढ़ रही हैं।
पूर्वी लद्दाख के गोगरा हाइट्स में पीछे हटीं भारत और चीन की सेनाएं
12वें राउंड की मिलिट्री कमांडर लेवल की बातचीत के 6 दिन बाद दोनों देशों देशों ने गोगरा हाइट्स से अपनी सेनाओं को हटा लिया है। वहां बने अस्थाई निर्माण और ढांचे भी ध्वस्त कर दिए गए हैं। सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 31 जुलाई (रविवार) को ही दोनों पक्षों में कोर कमांडर लेवल की 12वें दौर की यह बातचीत चीन के हिस्से वाले मोल्डो में करीब 9 घंटे चली थी। बैठक में पेट्रोलिंग पॉइंट 17A से दोनों देशों की सेनाओं ने हटने का फैसला लिया। गोगरा हाइट्स का पेट्रोलिंग पॉइंट 17A पूर्वी लद्दाख क्षेत्र के विवादित क्षेत्रों में से एक रहा है। बता दें कि, दोनों पक्षों के बीच डिसएंगेजमेंट को लेकर अंतिम बार बातचीत इस साल फरवरी में हुई थी। तब दोनों सेनाएं पैंगोंग झील के किनारे से हटने पर राजी हुई थीं।
भारत-चीन वार्ता रचनात्मक, दोनों पक्ष संवाद में गति बनाए रखने पर सहमत: विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय ने बीते गुरुवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में गतिरोध पर हाल में हुई भारत-चीन सैन्य वार्ता ‘‘रचनात्मक’’ थी और दोनों पक्ष शेष मुद्दों का समाधान ‘‘तेज गति से करने पर’’ सहमत हुए। भारतीय सेना द्वारा 12वें दौर की सैन्य वार्ता के दो दिन बाद सोमवार को यहां जारी किए गए संयुक्त बयान में कहा गया था कि दोनों पक्षों के बीच सैनिकों को पीछे हटाने के मुद्दे पर विचारों का व्यापक आदान-प्रदान हुआ तथा बैठक से पारस्परिक समझ और मजबूत हुई।
ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन के दौरान भारत-चीन सैन्य वार्ता के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने वार्ता के बाद जारी किए गए बयान का जिक्र किया और कहा कि यह संयुक्त प्रेस वक्तव्य था। उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि उसमें (बयान) उल्लेख था, वार्ता स्पष्ट और रचनात्मक थी। दोनों पक्ष शेष मुद्दों का समाधान मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुरूप तेज गति से करने तथा संवाद और चर्चा में गति बनाए रखने पर सहमत हुए। जब हमें और जानकारी मिलेगी तो हम आपके साथ साझा करेंगे।’’
भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले साल पांच मई को पैंगोंग झील क्षेत्र में हुई हिंसक झड़प के बाद से सीमा पर गतिरोध चला आ रहा है। इस घटना के बाद दोनों देशों ने सीमाओं पर हजारों अतिरिक्त सैनिक और भारी अस्त्र-शस्त्र तैनात कर दिए थे। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर संवेदनशील क्षेत्र में दोनों देशों ने लगभग पचास-पचास हजार सैनिक तैनात कर रखे हैं। सिलसिलेवार सैन्य एवं कूटनीतिक वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने फरवरी में पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी छोर क्षेत्रों से अपने सैनिकों तथा अस्त्र-शस्त्रों को पीछे हटा लिया था।