नयी दिल्ली: भारतीय सेना में सिर्फ गोले-बारुद की ही नहीं बल्कि 52 हज़ार से अधिक फ़ौजियों की भी कमी है। लोकसभा में रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे ने ये जानकारी दी है। उनके अनुसार तीनों सेना में 50 हज़ार से ज्यादा सैनिकों की कमी है। ग़ौतलब है कि रक्षा राज्यमंत्री का यह बयान ऐसे वक्त आया है कि जब सीमा पर चीन और पाकिस्तान के साथ तनाव चल रहा है।
रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे के मुताबिक़ भारतीय सेना में 25,472 संयुक्त कमान अधिकारियों और अन्य रैंक के अधिकारियों की कमी है। इसके अलावा वायुसेना में 13,785 और नौसेना में 13,373 जवानों की कमी है। उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा कमी सेना की कुल क्षमता का बहुत कम हिस्सा है। इस समय भारतीय सेना में लगभग 14 लाख जवान हैं।
ऐसे कर रही है सरकार कमी को दूर
भामरे ने बताया कि सरकार ने सुरक्षा जवानों की कमी को पूरा करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें प्रशिक्षण क्षमता में वृद्धि, निरंतर छवि निर्माण, स्कूलों में प्रेरक व्याख्यान, करियर संबंधी मेले और प्रदर्शनियों में भागीदार और सशस्त्र सेनाओं में चुनौतीपूर्ण करियर का फायदा उठाने के प्रति युवाओं को जागरुक करने के लिए प्रचार अभियान शामिल हैं।
CAG ने बताई थी गोला बारुद की कमी
गौरतलब है कि इससे पहले कैग की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि भारतीय सेना के पास युद्ध की स्थिति में लड़ने के लिए सिर्फ 10 दिनों का गोला-बारुद है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कुल 152 तरह के गोला-बारुद में से सिर्फ 20 फीसदी का ही स्टॉक संतोषजनक है। बता दें कि इससे पहले सेना को 40 दिनों तक युद्ध लड़ने लायक गोला-बारुद रिजर्व रखना होता था। जिसे 1990 में घटाकर 20 दिन कर दिया था।
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