नई दिल्ली: चीन एक तरफ पाकिस्तान के साथ हमजोली दिखाते हुए भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करते हुए अनुच्छेद 370 और 35(ए) को हटाए के फैसले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ले गया वहीं, दूसरी ओर बीजिंग द्वारा तैयार श्वेतपत्र में स्वीकार किया गया है कि भारत दुनियाभर में फैल रहे आतंकवाद और कट्टरपंथ का शिकार बना है।
पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के स्टेट काउंसिल ऑफ इन्फोरमेशन ऑफिस द्वारा शुक्रवार को 'वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग इन शिन्जियांग' जारी किया गया जिसमें आतंकी हमलों से प्रभावित देशों की सूची में भारत का जिक्र किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, "1990 से दुनिया में फैल रहे और बढ़ रहे आतंकवाद व कट्टरपंथ ने कहर बरपाया है। कट्टरपंथ, आतंकी हमलों और संबंधित घटनों से अमेरिका, युनाइटेड किंगडम, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, बेल्जियम, रूस, तुर्की, मिस्र, भारत, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड, श्रीलंका और अन्य देशों व क्षेत्रों में भारी तबाही मची है और जानमाल का नुकसान हुआ है।"
रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में शांति गंभीर खतरे में है और मानव का भविष्य अंधकार में है। श्वेतपत्र के अनुसार, "चीन को तोड़ने की कोशिश में ऐसी ताकतें धार्मिक कट्टरपंथ की वकालत कर रही हैं और लगातार आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रही हैं। वर्षो से धार्मिक कट्टरपंथ शिन्जियांग में अपनी पैठ बना रहा है और आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश कर रहा है।"
बता दें कि इससे पहले चीन की मांग पर कश्मीर का मसला एक बार फिर से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पहुंच गया था। चीन की चालबाजी के कारण कश्मीर का मसला पचास साल बाद एक बार फिर से दुनिया के सबसे बड़े अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पहुंच गया था।
संयुक्त राष्ट्र के रिकॉर्ड के मुताबिक, आखिरी बार सुरक्षा परिषद ने 1965 में ‘भारत-पाकिस्तान प्रश्न’ के एजेंडा के तहत जम्मू कश्मीर के क्षेत्र को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद पर चर्चा की थी। हाल में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि उनके देश ने, जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के भारत के फैसले पर चर्चा के लिए सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने की औपचारिक मांग की थी।
वहीं इस मुद्दे पर पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर के मुद्दे पर करारी हार का सामना करना पड़ा है और उसके साथ चीन को भी झटका लगा है। दोनों का भारत को घेरने का एजेंडा फेल हो गया। खास बात ये कि रूस और फ्रांस समेत यूएन के 15 सदस्यों में ज़्यादातर देशों ने भारत का साथ दिया और इमरान की इंटरनेशनल साज़िश फेल कर दी। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान को जमकर धोया।
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