नयी दिल्ली: हाल ही में गणतंत्र दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के कासगंज कस्बे में हुआ दंगा मीडिया की सुर्ख़ियों में है। इस दंगे में एक युवक की मौत हुई जबकि कुछ अन्य घायल हो गए। दंगा उस वक़्त भड़का जब बीजेपी की छात्र ईकाई एबीवीपी ने जुलूस निकाला। आरोप है कि जुलूस के दौरान पाकिस्तान के समर्थन में कथित रूप से नारे लगाए गए। दंगे की वजह भी यही बनी।
प्रमुख अंग्रेज़ी दैनिक 'इंडियन एक्सप्रेस' में वरिष्ठ पत्रकार शैलजा बाजपेयी ने अपने साप्ताहिक कॉलम में दंगों को लेकर अपनी राय वयक्त की है। उन्होंने जहां रिपब्लिक टीवी, TIMES NOW और कुछ अन्य अंग्रेज़ी चैनलों के कवरेज की निष्पक्षता पर सवाल उठाए वहीं उन्होंने इंडिया टीवी की रिपोर्टिंग की निष्पक्षता की सराहना की। शैलजा ने लिखा है कि सोमवार को इंडिया टीवी और इसके एडिटर इन चीफ़ रजत शर्मा ने पूरी निष्पक्षता के साथ पूरे घटनाक्रम पर तफ़्सील से रिपोर्टिंग की। उन्होंने लिखा कि रजत शर्मा ने अपने शो 'आज की बात' में इस घटना में मारे गए चंदन के परिवार को अपने चैनल पर बुलाया और लोगों को सोशल मीडिया में फ़ैलाई जा रही अफ़वाहों से सावधान रहने को कहा। उन्होंने बताया कि किस तरह मुसलमानों की सभा में ''पाकिस्तान ज़िदाबाद'' नारे को नकली ऑडियो जोड़ कर लोगों को गुमराह किया जा रहा है।
कॉलम के अनुसार रजत शर्मा ने बीजेपी को विनय कटियार और केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति जैसे लोगों पर लग़ाम लगाने की नसीहत दी। रजत शर्मा ने अपने शो में इस घटना में घायल हुए अकरम नाम के युवक को बुलाया जिसने बताया कि कैसे तिरंगा झंडा लेकर चलने वाले कुछ हिंदू लोगों ने उसकी जान बचाई।
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