'अहिंसा दिवस समारोह' में इंडिया टीवी के चेयरमैन रजत शर्मा ने कहा, ढूंढ़ने होंगे इन सवालों के जवाब
‘अहिंसा दिवस समारोह’ में शामिल होने पहुंचे इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ रजत शर्मा ने अपने विचार व्यक्त किए...
नई दिल्ली: ‘अहिंसा दिवस समारोह’ में शामिल होने पहुंचे इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ रजत शर्मा ने अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने किसी भी प्रकार की हिंसा की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि हिंसा स्वर्ग को नरक बना सकती है। उन्होंने कहा, ‘हिंसा स्वर्ग को नरक बना सकती है। हमने ये कश्मीर में देखा। हिंसा इंसान को शैतान बना देती है ये हमने नक्सल एरिया में देखा है।’
अपने बेंगलुरू प्रवास का जिक्र करते हुए रजत शर्मा ने कहा, ‘अहिंसा से चैन और मन का रास्ता मिलता है। मैं दो दिन पहले बेंगलुरू में था। वहां कश्मीर में शहीदों के परिवार और आतंकियों के परिवार जब गले मिले तो दोनों पक्षों के आंसू निकल पड़े। अहिंसा और मेल-मिलाप ही रास्ता है। वहां जो परिवार वाले थे, एक रिटायर्ड विंग कमांडर ने अपना 23 साल का बेटा खोया था। उन्होंने मुझसे पूछा कि मेरे बेटे का क्या कसूर था? वो तो गोली नहीं चला रहा था बल्कि क्रॉसफायर से बचाने के लिए लोगों को निकाल रहा था। ऐसे ही एक मां का भी सवाल था।’
कश्मीर में जारी हिंसा के दौर पर उन्होंने कहा, ‘कश्मीर के लोग भी पूछते हैं कि क्या गोली ही रास्ता है? उस कश्मीरी फौजी का क्या कसूर जिसे आतंकियों ने घर में गोली मारी। और उस कश्मीर पुलिस के ऑफिसर का क्या कसूर जिसको भीड़ ने लिंच कर दिया। आज अहिंसा दिवस पर इसका जवाब ढूंढ़ना चाहिए।’ एक शेर के माध्यम से हिंसा के दर्द को बयां करते हुए उन्होंने आगे कहा, ‘एक शायर ने कहा है कि ये खून के नापाक धब्बे, खुदा से कैसे छिपाओगे। मासूमों की कब्र पर चढ़कर, कौन-सी जन्नत जाओगे?' इस सवाल का जवाब आज अहिंसा दिवस पर ढूंढ़ना चाहिए।’
दुनिया में भारत की भूमिका पर उन्होंने कहा, ‘आज पूरी दुनिया भारत की तरफ देख रही है। जब दुनिया में आतंक और खौफ है, ऐसे में भारत दुनिया को क्या संदेश दे सकता है, ये देखने की जरूरत है।’