नयी दिल्ली: दुनिया के सुपरपावर का चीफ भारत आने वाला है। 24 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का स्वागत करेंगे। अहमदाबाद में ग्रैंड वेलकम के लिए जबरदस्त तैयारी चल रही है। ये दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि हथियारों के साथ-साथ टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी कई समझौते होने वाले हैं। ट्रंप की भारत यात्रा से पहले दोनों देशों की नजर बड़े रक्षा सौदों को अंतिम रूप देने पर है। इनमें भारतीय नौसेना के लिए 2.6 अरब डॉलर की लागत से अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन से सैन्य हेलीकॉप्टर खरीदने का समझौता भी शामिल है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारत द्वारा 1.86 अरब डॉलर की कीमत से मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने की बातचीत अंतिम दौर में है।
भारत ट्रंप और अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप के स्वागत की तैयारी कर रहा है। वहीं अमेरिका रक्षा उत्पाद निर्माता कंपनी बोइंग ने संकेत दिया है कि वह इस दौरे के दौरान भारतीय वायुसेना को एफ-15ईएक्स ईगल फाइटर जेट विमान बेचने का प्रस्ताव करने पर विचार कर रही है।
बोइंग ने पहले ही भारत को संभावित रक्षा उत्पादों का निर्यात करने के लिए अमेरिकी प्रशासन से लाइसेंस की मांग की है। उसकी नजर भारतीय वायुसेना के लिए 18 अरब डॉलर की लागत से खरीदे जाने वाले 114 लड़ाकू विमानों के करार पर है।
सरकार और रक्षा उद्योगों के सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्ष संभवत: 2.6 अरब डॉलर में 24 बहु उपयोगी एमच-60आर सीहॉक मैरीटाइम हेलीकॉप्टर भारत के बेचने के करार पर मुहर लगा सकते हैं। सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति अगले कुछ दिनों में इसकी मंजूरी दे सकती है। सूत्र ने बताया कि हम जल्द समझौता करने की कोशिश कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने पिछले साल अप्रैल में भारत को सीहॉक हेलीकॉप्टर बेचने को मंजूरी दी थी। माना जा रहा है कि इस हेलीकॉप्टर से भारतीय नौसेना को जमीन रोधी और पनडुब्बी रोधी लड़ाई में और ताकत मिलेगी। इस हेलीकॉप्टर को पनडुब्बी को खोज कर नष्ट करने के लिए बनाया गया है। सीहॉक ब्रिटेन में बने और अब पुराने पड़ चुके सी किंग हेलीकॉप्टर का स्थान लेगा।
सीहॉक हेलिकॉप्टर की डील राफेल की तर्ज पर सीधे अमेरिकी सरकार के साथ होगी। साथ ही भारत 1.8 बिलियन डॉलर की लागत वाला इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस वेपन सिस्टम यानि (IADWS) भी अमेरिका से खरीदेगा। इसके साथ ही भारत अमेरिकी ड्रोन खरीदने के समझौते को भी इस दौरे में आखिरी रूप दे सकता है। एनर्जी और स्टील के क्षेत्र में भारत और अमेरिका के बीच पुख्ता सौदा भी डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे की अहम कड़ी साबित हो सकती है।
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