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Hindi News भारत राष्ट्रीय ब्रह्मपुत्र पर चीन की पनबिजली परियोजना का भारत देगा जवाब, उठाएगा अरुणाचल प्रदेश में यह कदम

ब्रह्मपुत्र पर चीन की पनबिजली परियोजना का भारत देगा जवाब, उठाएगा अरुणाचल प्रदेश में यह कदम

तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन द्वारा बड़ी पनबिजली परियोजना निर्माण को लेकर चिंताओं के बीच भारत भी अरुणाचल प्रदेश में एक बहुउद्देयीय जलाशय के निर्माण पर विचार कर रहा है।

India to build multipurpose reservoir in Arunachal to offset impact of China's hydropower project o- India TV Hindi Image Source : PTI सामरिक मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्म चेलानी ने 30 नवंबर को ट्वीट किया था कि भारत तीन मोर्चे पर चीन की आक्रामकता का सामना कर रहा है। 

नयी दिल्ली: तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन द्वारा बड़ी पनबिजली परियोजना निर्माण को लेकर चिंताओं के बीच भारत भी अरुणाचल प्रदेश में एक बहुउद्देयीय जलाशय के निर्माण पर विचार कर रहा है। जलशक्ति मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को इस बारे में बताया। जलशक्ति मंत्रालय में आयुक्त (ब्रह्मपुत्र और बराक) टी एस मेहरा ने कहा कि बहुउद्देश्यीय 10,000 मेगावाट की पनबिजली परियोजना पर विचार चल रहा है। 

उन्होंने कहा, ‘‘यह परियोजना चीन द्वारा जल विद्युत परियोजना के प्रभाव को संतुलित करने में मदद करेगी।’’ उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश की सियांग नदी पर प्रस्तावित 9.2 बीसीएम ‘अपर सियांग’ परियोजना से अतिरक्त पानी के प्रवाह का इस्तेमाल होगा और पानी की कमी होने की स्थिति में भंडारण भी हो सकेगा।

मेहरा ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में अच्छी वर्षा के कारण मानसून के दौरान भारत में ब्रह्मपुत्र नदी का 90 प्रतिशत पानी उसकी सहायक नदियों से होकर आता है। सर्दियों में सियांग नदी का 80 प्रतिशत पानी ऊपरी जलधारा से आता है और हिमनद इसका मुख्य स्रोत हो जाता है। 

जलशक्ति मंत्रालय के एक और अधिकारी ने कहा कि परियोजना पर 1980 के दशक से ही चर्चा चल रही है। उन्होंने इसके क्रियान्वयन में अड़चनों का उल्लेख किया। पिछले सप्ताह पावर कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन ऑफ चाइना के अध्यक्ष यान झियोंग ने कहा था कि बीजिंग ‘यारलुंग जांगबो (ब्रह्मपुत्र नदी का तिब्बती नाम) के निचले हिस्से में पनबिजली का काम शुरू करेगा और परियोजना से जल संसाधन को बरकरार रखने और आंतरिक सुरक्षा में मदद मिलेगी।’ 

इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सामरिक मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्म चेलानी ने 30 नवंबर को ट्वीट किया था कि भारत तीन मोर्चे पर चीन की आक्रामकता का सामना कर रहा है। दुनिया की सबसे बड़ी नदियों में से एक ब्रह्मपुत्र चीन, भारत और बांग्लादेश से होकर गुजरती है और इसकी कई सहायक और उप सहायक नदियां हैं। 

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