नई दिल्ली. पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को BRICS के वर्चुअल समिट को संबोधित किया। इस दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिंग भी मौजूद थे। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना शी जिंगपिंग को लताड़ लगाई। पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद आज विश्व के सामने सबसे बड़ी समस्या है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि आतंकवादियों को समर्थन और सहायता देने वाले देशों को भी दोषी ठहराया जाए, और इस समस्या का संगठित तरीके से मुकाबला किया जाए।
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पीएम नरेंद्र मोदी ने सम्मलेन में UN से जुड़े विषय भी रखे। ब्रिक्स में रूस औच चीन यूएन के दो पर्मानेंट सदस्य हैं। भारत लंबे समय से यूएन में स्थायी सदस्यता की मांग कर रहा है। चीन यूएन में पाकिस्तान के साथ मिलकर लॉबिंग करता है। पीएम मोदी ने कहा कि हमें इस विषय पर यूएन में ब्रिक्स के अपने पार्टनरों के समर्थन की उम्मीद करते हैं। कई इंटरनेशल संगठन वर्तमान हकीकतों के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं।
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BRICS का ये सम्मेलन लद्दाख में भारत और चीन के बीच जारी तनाव के बीच हुआ है। सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "भारतीय संस्कृति में, पूरे विश्व को एक परिवार को रूप में देखा जाता है। इसलिए संयुक्त राष्ट्र जैसे संस्थानों को समर्थन देना हमारे लिए स्वाभाविक है। भारत ने पीस कीपिंग अभियान में अपने महत्वपूर्ण जवानों को खोया है, लेकिन आज बहुध्रवीय प्रणाली संकट के एक दौर से गुजर रहा है।"
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस की अध्यक्षता में ब्रिक्स की आतंकवाद-रोधी रणनीति को अंतिम रूप देने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और भारत अपनी अध्यक्षता के दौरान इस कार्य को आगे बढ़ाएगा। पीएम मोदी ने ब्रिक्स अर्थव्यवस्था पर कहा, "हम विश्व आबादी में 42 प्रतिशत से ज्यादा हैं और हमारा देश वैश्विक अर्थव्यवस्था के मुख्य इंजनों में से है। ब्रिक्स देशों के बीच व्यापार बढ़ाने के लिए कई स्कोप हैं।"
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