नयी दिल्ली: भारत ने कहा कि पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से सटे गिल्गिट-बाल्टिस्तान क्षेत्र को पड़ोसी देश द्वारा अपना पांचवा प्रांत घोषित करने का कोई भी प्रस्ताव पूर्णतया अस्वीकार्य है। पाकिस्तान के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज की अध्यक्षता वाली एक समिति द्वारा गिल्गिट-बाल्टिस्तान को पांचवे प्रांत का दर्जा देने की सिफारिश किए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा कि ऐसा कोई भी कदम जम्मू-कश्मीर के एक हिस्से पर पाकिस्तान के अवैध कब्जे को छुपा नहीं सकेगा, जिसे अब खत्म किया जाना चाहिए।
यह रेखांकित करते हुए कि यह मामला भारत की सम्प्रभुता से जुड़ा है, बागले ने कहा कि इस मामले में सरकार का रूख सभी जानते हैं। प्रवक्ता ने कहा, पूरा जम्मू-कश्मीर राज्य भारत का अभिन्न अंग है, अभिन्न अंग रहा है और हमेशा रहेगा। इसे बदलने का कोई प्रयास या कोई एकतरफा प्रयास या कोशिश, जिसका आधार अवैध है, या जो भी हो, पूर्णतया अस्वीकार्य है।
उन्होंने कहा, ऐसा कोई भी कदम जम्मू-कश्मीर के हिस्से पर पाकिस्तान के अवैध कब्जे को छुपा नहीं सकेगा, जिसे अब समाप्त किया जाना चाहिए। वह पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित हिस्से में पिछले 70 साल से चल रहे व्यापक और चिंताजनक मानवाधिकार उल्लंघनों तथा स्वतंत्रता नहीं देने को छुपा नहीं सकेगा।
पाकिस्तान गिल्गिट-बाल्टिस्तान को पृथक भौगोलिक क्षेत्र के रूप में देखता है। इसका एक क्षेत्रीय विधानसभा और निर्वाचित मुख्यमंत्री है। वर्तमान में पाकिस्तान में चार प्रांत हैं-पंजाब, सिंध, खैबर-पख्तूनख्वा और बलुचिस्तान। ऐसा माना जा रहा है कि गिल्गिट-बाल्टिस्तान की मौजूदा स्थिति को लेकर चीन की चिंताओं के कारण पाकिस्तान उसे प्रांत का दर्जा देने का प्रयास कर रहा है।
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