नई दिल्ली: भारत सरकार के सूत्रों का मानना है कि पंजाब के गुरदासपुर में हुए आतंकी हमले के बारे में पाकिस्तान को कोई जानकारी नहीं थी। एक दिन पहले ही भारत की ओर से इस हमले पर करारा जवाब देने की चेतावनी दी गई थी।
भारत-पाक सीमा से 18 किमी भीतर किए गए इस हमले में 7 लोगों की मौत हुई थी। गुरुवार को भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि सोमवार को पब्लिक बस और फिर पुलिस स्टेशन गोलियां चलाने वाले हमलावर पाकिस्तान से आए थे।
हालांकि, इसके तुरंत बाद ही भारत ने स्पष्ट कर दिया था कि आने वाले दिनों में शीर्ष पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ होने वाली बातचीत रद्द नहीं की जाएगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था, 'सरकार की कूटनीतिक रणनीति के तहत पाकिस्तान से वार्ता जारी रहेगी।'
पाकिस्तान की सरकार ने भी गुरदासपुर में हुए हमले की निंदा की थी। दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की दिल्ली में आतंकवाद से निपटने को लेकर चर्चा होनी है। कुछ हफ्ते पहले दोनों देशों के पीएम ने रूस के ऊफा में मुलाकात की थी।
भारत सरकार के सूत्रों का मानना है कि गुरदासपुर हमले में पाकिस्तानी सरकार का कोई हाथ नहीं दिखता है। हालांकि सूत्रों का यह भी कहना है कि हमले के घटनास्थल से मिले सबूतों के मुताबिक 17 दिन पहले इस हमले की योजना बनाई गई थी। सूत्रों का कहना है कि हमलावरों से मिले GPS उपकरणों से उनके भारत में घुसने के रास्ते के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली है।
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