नयी दिल्ली: भारत ने बृहस्पतिवार को अमेरिकी सरकार की उस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें देश में धार्मिक एवं जातीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ कथित भेदभाव एवं हमलों को लेकर चिंता व्यक्त की गई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘हमारा सैद्धांतिक रुख यह है कि किसी विदेशी संस्था का भारतीय नागरिकों के संवैधानिक रूप से संरक्षित अधिकारों पर बोलने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है।’’ प्रवक्ता ऑनलाइन प्रेस वार्ता में संवाददाताओं के एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (यूएससीआईआरएफ) द्वारा तैयार ‘अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट, 2019’ में दुनियाभर में धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के दृष्टांत शामिल किये गए हैं। इसे अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने बुधवार को जारी किया था । विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘ भारत की विविधतापूर्ण लोकतांत्रिक परंपरा दुनिया भर में सर्वविदित है। भारत के लोग और सरकार को हमारे देश की लोकतांत्रिक परंपराओं पर गर्व है।’’.
उन्होंने कहा कि भारत में ठोस सार्वजनिक चर्चा होती है और संवैधानिक रूप से मान्यता प्राप्त संस्थाएं धार्मिक स्वतंत्रता और विधि के शासन को सुनिश्चित करती हैं। रिपोर्ट में भारत के खंड में कहा गया कि अमेरिकी सरकार के अधिकारियों ने धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान करने और आपसी सम्मान एवं सहनशीलता के महत्व को रेखांकित किया। इसमें पिछले वर्ष जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने और नागरिकता संशोधन कानून पारित होने का भी जिक्र किया गया है।
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