भारत ने वार्ता को लेकर पाकिस्तानी मीडिया की खबरों में किए गए दावों को खारिज किया
भारत ने पाकिस्तानी मीडिया में आई उस खबर को बृहस्पतिवार को ‘‘फर्जी खबर’’ बताते हुए खारिज कर दिया जिसमें दावा किया गया है कि नई दिल्ली इस्लामाबाद के साथ वार्ता के लिए तैयार है।
नई दिल्ली: भारत ने पाकिस्तानी मीडिया में आई उस खबर को बृहस्पतिवार को ‘‘फर्जी खबर’’ बताते हुए खारिज कर दिया जिसमें दावा किया गया है कि नई दिल्ली इस्लामाबाद के साथ वार्ता के लिए तैयार है। भारत ने कहा कि उसके इस रुख में कोई बदलाव नहीं आया है कि वार्ता बहाली के लिए पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ पहले ‘‘सत्यापन योग्य’’ और ‘‘ ठोस’’ कदम उठाना होगा। खबर को खारिज करते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान में अपने समकक्षों के बधाई संदेशों का उत्तर देते समय ऐसी कोई बात नहीं की।
पाकिस्तान के समाचार पत्र ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ में बृहस्पतिवार को एक खबर में दावा किया गया कि पाकिस्तान की बातचीत संबंधी ताजा अपील के जवाब में मोदी और जयशंकर ने कहा कि भारत क्षेत्र की समृद्धि के लिए पाकिस्तान समेत सभी देशों के साथ वार्ता का इच्छुक है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के बधाई संदेशों के जवाब के संबंध में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री ने पाकिस्तान में अपने समकक्षों के बधाई संदेशों का जवाब स्थापित राजनयिक प्रक्रिया के अनुसार दिया।’’ रवीश कुमार ने कहा कि अपने संदेशों में उन्होंने इस बात को रेखांकित किया है कि भारत पाकिस्तान समेत सभी पड़ोसी देशों के साथ सामान्य एवं सहयोगात्मक संबंध चाहता है। कुमार ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा ‘‘इसके लिए आतंकवाद, हिंसा एवं शत्रुता से मुक्त और भरोसे का माहौल बनाना जरूरी है।’’ विदेश मंत्री ने भी ‘‘ऐसे माहौल की आवश्यकता पर बल दिया जो आतंकवाद और हिंसा की छाया से मुक्त हो।’’
विदेश मंत्रालय ने कहा कि मोदी की ओर से खान को पत्र 12 जून को भेजा गया था। यह पूछे जाने पर कि पत्र में क्या वार्ता करने का भी कोई जिक्र किया गया था, विदेश मंत्रालय ने उत्तर दिया कि इस प्रकार का कोई जिक्र नहीं था। बाद में मीडिया को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा कि पत्र प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री द्वारा स्थापित राजनयिक प्रोटोकॉल के तहत लिखे गए। उन्होंने कहा, ‘‘उस पत्र में वार्ता का कोई उल्लेख नहीं है। पाकिस्तान की तरफ से फर्जी खबरें फैलाने के प्रयास जारी हैं...कोई भी पहले कृपया हमसे पुष्टि करे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं नहीं मानता कि हमारे रुख में कोई बदलाव आया है। हमने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान को (आतंकवाद के खिलाफ) कार्रवाई करनी होगी। उसे ऐसी कार्रवाई करनी होगी जो कि सत्यापन योग्य हो। उसे ऐसा कदम उठाना होगा जो न पलटने वाला हो।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब तक हम इसको लेकर आश्वस्त नहीं होते कि जमीनी स्तर पर कदम उठाये गए हैं न कि कोई अस्थायी कदम जो हमने कई बार पूर्व में देखे हैं (वार्ता बहाल नहीं हो सकती)। उन्होंने कहा कि भारत को यहां वहां कुछ दिखावटी कदम से मूर्ख नहीं बनाया जा सकता, पाकिस्तान द्वारा कुछ ठोस कार्रवाई करनी होगी। प्रधानमंत्री मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष खान ने बिश्केक में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के दौरान पिछले सप्ताह एक दूसरे का अभिवादन किया था।
यह भी समझा जा रहा है कि खान ने एससीओ परिसर के लीडर्स लॉन्ज में मोदी के साथ आमने-सामने की बातचीत में भारतीय प्रधानमंत्री को चुनावी जीत की बधाई दी थी। हालांकि इस दौरान दोनों नेताओं के बीच कोई बैठक नहीं हुई थी। इससे करीब दो सप्ताह पहले ही खान और कुरैशी ने अपने भारतीय समकक्षों को पत्र लिखकर द्विपक्षीय वार्ता पुन: शुरू करने पर जोर दिया था।
भारत ने जनवरी 2016 में पठानकोट वायुसेना अड्डे पर हुए आतंकवादी हमले के बाद से पाकिस्तान के साथ कोई वार्ता नहीं की है। भारत का कहना है कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते। खान ने मोदी को 26 मई को टेलीफोन कॉल की थी और दोनों देशों के लोगों की बेहतरी के लिए मिलकर काम करने की इच्छा व्यक्त की थी। मोदी ने कहा था कि क्षेत्र में शांति एवं समृद्धि के लिए हिंसा और आतंकवाद से मुक्त माहौल बनाना और भरोसा कायम करना जरूरी है।