किमीन: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को अरूणाचल प्रदेश में कहा कि भारत वैश्विक शांति का पुजारी है, लेकिन यह आक्रामक कार्रवाइयों का करारा जवाब देने में सक्षम है। उन्होंने यहां 12 सामरिक सड़कों को राष्ट्र को समर्पित करते हुए कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं धैर्य में किसी भी तरह की गंभीर गड़बड़ी के घातक परिणाम होंगे। सिंह ने कहा कि सामरिक सड़कों से न केवल संपर्क को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पास सुरक्षा बल तेजी से आवाजाही कर सकेंगे।
राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘पहाड़ी एवं दुर्गम इलाकों में चुनौतियों के बावजूद विश्वस्तरीय सड़कों के निर्माण में सीमा सड़क संगठन की क्षमता आत्मनिर्भर भारत के मंत्र को दर्शाता है।’’ रक्षा मंत्री ने बताया कि इन सामरिक सड़कों का निर्माण केंद्र सरकार की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का हिस्सा है।
उन्होंने बताया कि यह उस बड़े लक्ष्य का हिस्सा है जिसके तहत सरकार सीमाई क्षेत्रों के संपूर्ण विकास पर बहुत अधिक जोर दे रही है। सीमावर्ती राज्यों में बड़ी संख्या में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण पुलों और सड़कों के कार्य को पूरा किया गया है।
बता दें कि लद्दाख की गलवान घाटी में पिछले साल खूनी झड़प की घटना ने भारत-चीन के बीच सीमा पर तनाव को काफी बढ़ा दिया है। इस घटना के बाद से लद्दाख में जहां भारतीय सेना ने अपनी स्थिति मजबूत की है, वहीं पूर्वोत्तर में भी सैन्य रूप से बेहतर स्थिति में है। सिक्किम और अरुणाचल के साथ लगी सीमा पर भारत ने अपनी स्थिति पहले मुकाबले अधिक मजबूत कर ली है।
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