चार सितंबर (भाषा) वैश्विक यात्रा एवं पर्यटन प्रतिस्पर्धा सूचकांक में भारत की रैंकिंग छह अंक सुधरकर 34 हो गयी है। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की बुधवार को जारी नवीनतम रपट में यह जानकारी सामने आयी है। वर्ष 2017 में यह रैकिंग 40वें स्थान पर थी जो अब 34 हो गयी है। इसकी अहम वजह प्राकृतिक और सांस्कृतिक संसाधन के मामले में भारत का समृद्ध होना और कीमत के लिहाज से बेहद प्रतिस्पर्धी होना है।
रपट में कहा गया है कि दक्षिण एशिया में यात्रा एवं पर्यटन की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का अधिकांश हिस्सा रखने वाला भारत इस उपमहाद्वीप में सबसे प्रतिस्पर्धी यात्रा-पर्यटन अर्थव्यवस्था बना हुआ है। इसकी रैंकिंग छह स्थान सुधरकर 34 हो गयी है।
रपट के अनुसार चीन, मेक्सिको, मलेशिया, थाईलैंड, ब्राजील और भारत भले ही उच्च आय वाली अर्थव्यवस्था न हों लेकिन सांस्कृति संसाधन एवं व्यापारिक यात्रा खंड में शीर्ष 35 देशों में शामिल हैं। इसकी प्रमुख वजह प्राकृतिक और सांस्कृतिक संसाधन के मामले में इनका समृद्ध होना और कीमत के लिहाज से प्रतिस्पर्धी होना है। उप खंडों के लिहाज से बेहतर वातावरण खंड में भारत का 33वां, बुनियादी एवं बंदरगाह ढांचा में 28वां, अंतरराष्ट्रीय स्वीकार्यता में 51वां, प्राकृतिक सौंदर्य में 14वां और सांस्कृतिक संसाधन खंड में आठवां स्थान है।
वैश्विक यात्रा एवं पर्यटन प्रतिस्पर्धा सूचकांक में 140 देश शामिल है। डब्ल्यूईएफ के इस सूचकांक में स्पेन शीर्ष पर रहा है। इसके बाद क्रमश: फ्रांस, जर्मनी, जापान और अमेरिका शीर्ष पांच में शामिल है। ब्रिटेन की रैंकिंग पांचवे स्थान से खिसककर छठे पर आ गयी है।
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