नयी दिल्ली: मालाबार नौसेना अभ्यास का पहला चरण तीन से छह नवंबर के बीच विशाखपत्तनम तट के पास बंगाल की खाड़ी में होगा। इसमें भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया की नौसेनाएं भाग लेंगी। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चार देशों के इस नौसेना अभ्यास का दूसरा चरण 17 से 20 नवंबर के बीच अरब सागर में तय किया गया है।
पिछले हफ्ते, भारत ने यह घोषणा की थी कि आस्ट्रेलिया इस नौसेना अभ्यास का हिस्सा होगा, जिसके साथ ही अब यह प्रभावी तरीके से ‘क्वॉड’ या ‘चतुष्कोणीय गठबंधन’ (क्वाड्रीलैटरल कोलेशन) के सभी चार सदस्य देशों का अभ्यास हो गया है।
‘क्वॉड’ सदस्य राष्ट्रों के विदेश मंत्रियों की तोक्यो में बैठक होने के दो हफ्ते बाद भारत ने आस्ट्रेलियाई नौसेना को अभ्यास में हिस्सा लेने का न्योता दिया था। जापान में हुई इस बैठक में चारों देशों के बीच हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर विस्तृत बाचतीत की गई थी। अधिकारियों ने बताया कि पहले चरण के अभ्यास में जटिल एवं अत्याधुनिक नौसेना अभ्यास होंगे, जिनमें पनडुब्बी रोधी एवं हवाई युद्ध रोधी अभियान होंगे। इसके अलावा एक जंगी जहाज से उड़ान भर कर दूसरे युद्ध पोत पर भी लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर उतरेंगे। हथियारों से फायरिंग का भी अभ्यास किया जाएगा।
मालाबार अभ्यास 1992 में भारतीय नौसेना और अमेरिकी नौसेना के बीच हिंद महासागर में एक द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में शुरू हुआ था। बाद में,2015 में जापान इसका स्थायी सदस्य बन गया। यह वार्षिक नौसेना अभ्यास 2019 में जापान के तट पर हुआ था। इस साल के अभ्यास में भारतीय नौसेना अपने विध्वंसक पोत रणविजय, युद्ध पोत शिवालिक, समुद्र तटीय गश्ती नौका सुकन्या, जहाजों के बेड़े को सहायता पहुंचाने वाले पोत शक्ति और पनडुब्बी सिंधुराज को शामिल करेगी। अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा अत्याधुनिक जेट प्रशिक्षक हॉक, लंबी दूरी की समुद्री गश्त विमान पी 8 आई, डोर्नियर समुद्री गश्त विमान और कई सारे हेलीकॉप्टर भी अभ्यास में हिस्सा लेंगे।
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