नई दिल्ली. अफगानिस्तान के मौजूदा हालातों को लेकर राजधानी नई दिल्ली में रूस-ईरान सहित 8 देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच बेहद अहम बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में सभी देशों में अफगानिस्तान में उभरती स्थिति, विशेष रूप से सुरक्षा स्थिति और इसके क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभावों पर चर्चा की। सभी देशों ने अफगानिस्तान में वर्तमान राजनीतिक स्थिति और आतंकवाद, कट्टरता और मादक पदार्थों की तस्करी से उत्पन्न खतरों के साथ-साथ मानवीय सहायता की आवश्यकता पर विशेष ध्यान दिया।
अफगानिस्तान को लेकर दिल्ली में हुई इस बैठक में क्या हुआ
- अफगानिस्तान संकट पर आठ देशों की वार्ता में शांतिपूर्ण, सुरक्षित और स्थिर अफगानिस्तान के लिए मजबूत समर्थन का आह्वान किया गया।
- अफगानिस्तान को निर्बाध, प्रत्यक्ष और सुनिश्चित तरीके से मानवीय सहायता प्रदान करने का आह्वान करती है।
- अफगानिस्तान के क्षेत्र का इस्तेमाल किसी भी आतंकवादी कृत्य को पनाह देने, प्रशिक्षण देने, योजना बनाने या वित्तपोषण के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
- बैठक में अफगानिस्तान में उत्पन्न सुरक्षा स्थिति और वहां के लोगों की पीड़ा पर गहरी चिंता व्यक्त की गई और कुंदुज, कंधार और काबुल में आतंकवादी हमलों की निंदा की गई।
- सभी देशों ने सभी आतंकवादी गतिविधियों की कड़े शब्दों में निंदा की।
- अफगानिस्तान में महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यक समुदायों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन न हो।
- अफगानिस्तान कभी भी वैश्विक आतंकवाद के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह नहीं बने, इसको लेकर प्रतिबद्धता जताई गई।
- अफगानिस्तान में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को खत्म करने और कट्टरपंथ का मुकाबला करने सहित इसके सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता जताई गई।
- सभी देश अफगानिस्तान में खुली सोच वाली और सही मायने में समावेशी सरकार के गठन का आह्वान करते है।
- अफगानिस्तान में कामयाब सुलह-सफाई के लिए प्रशासनिक और राजनीतिक ढांचे में सभी वर्गों को शामिल करना जरूरी।
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