वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रजत शर्मा से ‘आप की अदालत’ में कहा, 'भारत ने हवाई हमला करके पाकिस्तान के परमाणु धौंस की कलई खोल दी'
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि पाकिस्तान के अंदर घुसकर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैम्प पर सफलता पूर्वक हवाई हमला कर भारत ने'पाकिस्तान के परमाणु धौंस की कलई खोल दी है।'
नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि पाकिस्तान के अंदर घुसकर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैम्प पर सफलता पूर्वक हवाई हमला कर भारत ने'पाकिस्तान के परमाणु धौंस की कलई खोल दी है।' शनिवार रात 10 बजे इंडिया टीवी पर प्रसारित हुए शो 'आप की अदालत' में रजत शर्मा के सवालों का जवाब देते हुए जेटली ने कहा; पाकिस्तान ने भारत से कॉन्वेंशनल वार (परंपरागत युद्ध) 1965, 1971 में लड़ा। करगिल युद्ध में वे अपने सैनिकों की लाशें तक लेने नहीं आए और हार गए। तो पाकिस्तानी फौज ने देखा कि हम कॉन्वेंशनल वार में भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था और सुपीरियर मिलिट्री स्ट्रेंथ के सामने टिक नहीं सकते।
उनके सामने दो विकल्प थे: एक, आतंकवादियों के जरिए प्रॉक्सी वार (छद्म युद्ध) और दूसरा विकल्प जिसे न्यूक्लियर ब्लफ (परमाणु धौंस) कहते हैं। क्योंकि दोनों देशों के पास एटमी हथियार हैं। इस बार उनका न्यूक्लियर ब्लफ भी एक्सपोज हो गया।' 'हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री जी ने थोड़ा उस नीति को आगे बढ़ाया कि हम अपने को डिफेंड करेंगे लेकिन आतंकवाद जहां से पैदा हो रहा है वहीं जाकर उनका सफाया करेंगे। अभी तक ये गलतफहमी पैदा हो गई थी कि अगर हम एलओसी या बार्डर क्रॉस करेंगे.. अपनी रक्षा के लिए तो दुनिया कहेगी आपने संयम नहीं रखा। लेकिन इसबार दुनिया ने कहा-आप आतंक की जड़ तक गए हो, हम इसका समर्थन करते हैं। सिर्फ यूएस, यूरोप और रशिया ही नहीं चीन का बयान भी न्यूट्रल था।'
पाकिस्तान के अंदर बालाकोट में भारतीय वायुसेना द्वारा हवाई हमले में जैश आतंकियों के मारे जाने के सबूत मांगने पर जेटली ने विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'राजनीतिक दलों और नेताओं को यह समझना चाहिए कि दुनिया की कोई भी सेना अपना ऑपरेशनल डिटेल्स (कार्रवाई का ब्यौरा) सार्वजनिक नहीं करती। ये देश का दुर्भाग्य है और कुछ नेताओं में इस प्रकार की नासमझी है कि वे आज सार्वजनिक जीवन में हैं। वे जाने-अनजाने में ऐसे बयान देकर पाकिस्तान का गवाह बन रहे हैं। मुझे लगता है कि जनता इनका वो हाल करेगी कि पाकिस्तान के टीवी में इनको टीआरपी मिलेगी और हिंदुस्तान में जनता का आक्रोश बर्दाश्त करना होगा।'
अरुण जेटली ने कहा, ‘दुनिया में कहीं भी कोई आर्मी या एयर फोर्स अपने ऑपरेशनल डिटेल्स सार्वजनिक नहीं करती। अमेरिका ने एबटाबाद (पाकिस्तान) में हमला किया, अलकायदा के चीफ ओसामा बिन लादेन की हत्या की और उसकी लाश समुद्र में फेंक दिया और कोई ऑपरेशनल डिटेल्स दुनिया से शेयर नहीं किया।'
भारतीय वायुसेना के हवाई हमले की सफलता पर सवाल उठानेवाले कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल पर निशाना साधते हुए जेटली ने कहा, 'ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे लोग सार्वजनिक जीवन में हैं। अगर ऑपरेशन डिटेल्स सार्वजनिक किया गया तो कपिल सिब्बल को ही नही पाकिस्तान की फौज को भी पता चल जाएगा कि हमारे कितने मिराज उड़े, कहां से उड़े, कितने बम बरसाए और किस रास्ते से आतंकी कैंम्प को टारगेट किया।'
जेटली ने कहा कि वह पाकिस्तान की सेना ही थी न कि वहां कि सरकार जिसने सबसे पहले हवाई हमले की जानकारी लोगों को दी। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान ने सबसे पहले दुनिया को स्ट्राइक के बारे में जानकारी दी इसके पीछे दो मुख्य कारण थे। पहला, पाकिस्तान में उनकी फौज ने जनता के बीच अपनी बड़ी छवि बनाई हुई है। वो देश अपने नागरिकों के सामने कैसे जाकर कह सकता था कि हिंदुस्तान के हवाई जहाज ने जैश के कैम्प पर बम बरसाए और उसे नष्ट कर दिया.. और ये जहाज वापस चले गए और हम देखते रह गए। सुबह 4 बजे ये ऑपरेशन खत्म होता है। भारत ने किसी को नहीं बताया पाकिस्तान की सिविलियन सरकार ने किसी को नहीं बताया। सबसे पहले 4 बजकर 45 मिनट पर पाकिस्तान फौज के प्रवक्ता ट्वीट करते हैं कि भारतीय विमान आए और हमने उनको भगा दिया और वो खुले मैदान में कुछ बम गिराकर चले गए।
जेटली ने कहा 'दूसरा कारण और भी बड़ा है। अगर पाकिस्तान पूरी दुनिया से शिकायत करता कि देखिये भारतीय विमानों ने हमारे एलओसी का उल्लंघन किया तो पहला सवाल उठता-आपका नुकसान क्या हुआ? फिर तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय नुकसान को देखने आता... कौन सा कैम्प वहां पर चल रहा था? कैम्प में कितनी बिल्डिंग थी और सैकड़ों लोग रह रहे थे... स्विमिंग पुल... जिम्नेजियम था.. जो वहां पर मरे उनके बारे में पूछते..वो कौन लोग थे.. एक-एक करते उनके बीसीयों कमांडर और पुराने-नए फिदायीन के नाम सामने आते।'
'और उसका नतीजा देखिए यूएन सिक्यूरिटी काउंसिल (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद) आतंकी संगठनों पर सैंक्शन लगानेवाला है। दूसरा जो एफएटीएफ है उसने पाकिस्तान को 'ग्रे लिस्ट' में डाला है। एफएटीएफ सैंक्शन का मतलब है कि दुनिया की कोई भी कंपनी पाकिस्तान जाकर निवेश नहीं कर सकती। आज जो वो डरे हुए हैं। अफरा-तफरी में फर्जी कार्रवाई कर रहे हैं। ये इन दोनों कार्रवाई से बचने के लिए कर रहे हैं।'
जेटली ने कहा, 'पाकिस्तान के साथ तबतक कोई बातचीत नहीं हो सकती जबतक वह आतंकी संगठनों के खिलाफ कोई निर्णायक कार्रवाई नहीं करेगा। वो कार्रवाई पूरी दुनिया को दिखनी चाहिए और पाकिस्तान उसका सबूत देगा, तब हम सोचेंगे कि क्या करना है। अभी बातचीत के लिए आवाजें उठाने का कोई औचित्य नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मार्कण्डेय काटजू द्वारा पाकिस्तान के न्यूज चैनल पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की तारीफ पर जेटली ने कहा, 'मैं आमतौर पर व्यक्तियों पर कोई टिप्पणी नहीं करता लेकिन काटजू के बयान से स्पष्ट है कि न्यायपालिका ने जजों के नियुक्ति के जो अधिकार ले लिए हैं, यह उसी का नतीजा है। क्योंकि जवाबदेह सरकार को नियुक्ति की प्रणाली से ही बाहर रखा गया है। इस प्रकार के बयान उस व्यक्ति की मानसिकता दर्शाती है।'
29 विपक्षी दलों द्वारा 'शहादत पर सियासत' का आरोप लगाते हुए एक संयुक्त बयान जारी करने पर जेटली ने कहा, 'मैंने पहली बार अपने जीवन में छोटे-छोटे गांव में शहीदों की अंत्योष्टि के समय एक लाख, डेढ़ लाख, दो लाख लोगों को देखा है। इसे करोड़ों भारतीयों ने जब टीवी पर देखा तो उनकी आंखों से आंसू निकले। जब करोड़ों लोगों की आंखें गीली हो गई थीं क्या ये लोग राजीनीति कर रहे थे? और जो जवाबदेह सरकार है वो क्या सिर्फ देखती रहेगी। पूरे देश को और फौज को भी ये चिंता थी। उसी समय इंटेलिजेंस की खबर मिली जैश के बहुत से आंतकवादी बालाकोट कैंप में इकट्ठा हो रहे हैं। क्या हम उस सूचना को दबा देते? क्या वो अच्छी राजनीति होती? अगर हम कार्रवाई न करते तो यह देश के प्रति अपराध होता। प्रधानमंत्री का यह राजनीतिक निर्णय था कि हमारी वायुसेना किसी सिविलियन या पाकिस्तानी सेना को टारगेट नहीं करेगी सिर्फ आतंकी कैम्प पर प्रहार करेगी।'
वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ ‘आप की अदालत’ का प्रसारण शनिवार रात 10 बजे इंडिया टीवी पर किया गया। इस शो को रविवार सुबह 10 बजे और रात में 10 बजे फिर से प्रसारित किया जाएगा।