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भारत ने अमेरिका में खालिस्तानी अलगाववादी समूहों की गतिविधियों पर चिंता व्यक्त की

बता दें कि अमेरिका की एक शीर्ष थिंक टैंक ने चेताया है कि पाकिस्तान समर्थित अलगाववादी खालिस्तानी समूह अमेरिका में धीरे-धीरे अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है।

India expresses concern over activities by Khalistani separatist groups in the US- India TV Hindi Image Source : ANI भारत ने अमेरिका में खालिस्तानी समूहों द्वारा भारत विरोधी गतिविधियां बढ़ाए जाने की खबरों पर चिंता व्यक्त की।

नयी दिल्ली: भारत ने अमेरिका में पाकिस्तान समर्थित खालिस्तानी अलगाववादी समूहों द्वारा भारत विरोधी गतिविधियां बढ़ाए जाने की खबरों पर बृहस्पतिवार को चिंता व्यक्त की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगले सप्ताह अमेरिका के दौरे पर जाने वाले हैं, जिससे पहले भारत ने यह चिंता व्यक्त की है। खबरें है कि प्रधानमंत्री की अमेरिका की वाशिंगटन और न्यूयॉर्क की यात्रा के दौरान एक प्रतिबंधित खालिस्तानी समूह दोनों शहरों में विरोध प्रदर्शन की योजना बना रहा है। 

इस सिलसिले में जब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और उनके प्रतिनिधिमंडल की सुरक्षा सुनिश्चित करना एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। बागची ने खालिस्तानी समूहों के बारे में एक प्रमुख अमेरिकी थिंक-टैंक हडसन इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि यह दर्शाता है कि कैसे पाकिस्तान अमेरिका से भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। 

बागची ने प्रेस वार्ता में कहा, ''मुझे प्रतिबंधित संगठन के आह्वान के बारे में नहीं पता। मैं उस पर टिप्पणी नहीं कर सकता। लेकिन हम निश्चित रूप से प्रधानमंत्री और उनके प्रतिनिधिमंडल की सुरक्षा सुनिश्चित करने में जुटे हैं।'' उन्होंने कहा, ''हमारी इस मामले में मेजबान देश अमेरिका से बात हुई है और (उसे) इससे अवगत कराया गया है। अगर संगठन पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है, तो उसे इस तरह की गतिविधियां नहीं करनी चाहिए।''

बता दें कि अमेरिका की एक शीर्ष थिंक टैंक ने चेताया है कि पाकिस्तान समर्थित अलगाववादी खालिस्तानी समूह अमेरिका में धीरे-धीरे अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है। उसने यह भी कहा कि अमेरिकी सरकार इन संगठनों की भारत को अस्थिर करने वाली गतिविधियों को रोकने के लिए नई दिल्ली द्वारा की गई अपीलों के प्रति अब तक उदासीन रही है। अमेरिका स्थित सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) एक खालिस्तानी समर्थक समूह है। भारत सरकार ने 2019 में कथित राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिये इसे प्रतिबंधित कर दिया था। 

एसएफजे ने अपने अलगाववादी एजेंडे के तहत सिख जनमत संग्रह 2020 पर जोर दिया था। वह खुले तौर पर खालिस्तान का समर्थन करता है और ऐसा करते हुए भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देता है। इस गैरकानूनी समूह का प्राथमिक उद्देश्य पंजाब में एक स्वतंत्र और संप्रभु देश की स्थापना करना है। हडसन इंस्टीट्यूट ने मंगलवार को प्रकाशित अपनी रिपोर्ट पाकिस्तान का अस्थिरता का षड्यंत्र: अमेरिका में खालिस्तान की सक्रियता में पाकिस्तान द्वारा इन संगठनों को दिए जा रहे समर्थन की जांच करने के लिए अमेरिका के भीतर खालिस्तान और कश्मीर अलगाववादी समूहों के आचरण को आंका है। 

रिपोर्ट में इन समूहों के भारत में उग्रवादी और आतंकवादी संगठनों के साथ संबंधों और दक्षिण एशिया में अमेरिकी विदेश नीति पर उनकी गतिविधियों के संभावित हानिकारक प्रभावों पर गौर किया गया है। रिपोर्ट दर्शाती है कि पाकिस्तान स्थित इस्लामी आतंकवादी संगठनों की तरह, खालिस्तानी संगठन नए नामों के साथ सामने आ सकते हैं। इसमें कहा गया, “दुर्भाग्य से, अमेरिकी सरकार ने खालिस्तानियों द्वारा की गई हिंसा में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है, जबकि खालिस्तान अभियान के सबसे कट्टर समर्थक ब्रिटेन, कनाडा और अमेरिका जैसे पश्चिमी देशों में हैं।” 

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