भारत को शहरीकरण के चीन मॉडल की नकल करने की जरूरत नहीं: नीति आयोग
नीति आयोग ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम नकल करने के लिए लगातार बाहरी मॉडल खोजा करते हैं...
नई दिल्ली: नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने आज कहा कि भारत को शहरीकरण के लिए चीन जैसा कोई बाहरी मॉडल अपनाने के बजाय देश भर में अपने आर्थिक वृद्धि केंद्र तैयार करने चाहिए। उन्होंने कहा कि देश को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की प्रति इकाई पर कम से कम संसाधन का इस्तेमाल करना चाहिए। वह संसाधन चाहे कोई वस्तु हो या पर्यावरण।
कुमार ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘हमें अपने शहरीकरण के लिए किसी बाहरी मॉडल को देखने की जरूरत नहीं है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम नकल करने के लिए लगातार बाहरी मॉडल खोजा करते हैं। हमारी विविधता और बहुलता को देखते हुए हम यहां असंतुलित या असमान शहरीकरण होने नहीं दे सकते हैं। हम भारत में उसका नकल होने नहीं दे सकते जो चीन में हुआ।’’
कुमार ने कहा कि चीन में विकास व आधुनिकीकरण तटीय इलाकों में हुआ है और शेष इलाके पिछड़े रह गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसका परिणाम हुआ कि चीन में हर बार नए साल के मौके पर 40-50 लाख चीनी लोग तटीय इलाकों से भीतरी इलाकों की ओर जाते हैं। हम यह अपने देश में नहीं होने दे सकते हैं। हम दीपावली, होली या छठ जैसे त्यौहारों में लोगों को दक्षिण या पश्चिम से पूर्व की ओर जाने नहीं दे सकते हैं।’’
कुमार ने भारत में शक्तिशाली शहरों के नहीं होने की बात कहते हुए शहरों में मजबूत मेयरों की पुरानी परंपरा को पुनर्जीवित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में मैंने न्यूयॉर्क के पूर्व महापौर माइक ब्लूमबर्ग जैसा महापौर नहीं देखा है। पहले कलकत्ता में महापौर और बंबई में शेरिफ हुआ करते थे। यह सब बंद हो गया है। हमें इन्हें पुनर्जीवित करने की जरूरत है।’’
कुमार ने कहा कि देश में आर्थिक वृद्धि केंद्र बनाने तथा शहरों को ज्ञान का केंद्र बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘जबतक हम शहरों को भारत का सृजन केंद्र नहीं बनाते, मुझे संदेह है कि हमें बौद्धिक स्वीकार्यता मिलेगी।’’