नई दिल्ली: चीन से सीमा विवाद पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज संसद में बयान दे रहे हैं।बता दें कि 9 महीने के तनाव के बाद भारत और चीन की सेना सीमा पर पीछे हट रही है। भारत और चीन के बीच लद्दाख में बीते कई महीनों से लगातार तनाव बना हुआ है। दोनों देश इस तनाव को दूर करने के लिए कई स्तरों पर वार्ता भी कर चुके हैं। इस बीच चीनी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया है कि दोनों देश पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से अपनी-अपनी सेनाओं को पीछे हटा रहे हैं। चीनी मीडिया के इस दावे के जवाब में फिलहाल भारत की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। चीन के आधिकारिक अखबार ग्लोबल टाइम्स ने यह दावा रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वू कियान के हवाले से किया है।
जनवरी में हुई थी कोर कामांडर स्तर की वार्ता
बता दें कि इससे पहले बीती जनवरी में करीब ढाई महीने के अंतराल के बाद भारत और चीन की सेनाओं ने कोर कमांडर स्तर की नौवें दौर की वार्ता की थी। नौवें दौर की वार्ता के बाद सैनिकों को हटाने पर दोनों पक्षों ने स्पष्ट और विचारों का गहन आदान प्रदान किया था। इसके साथ ही दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए थे कि वार्ता सकारात्मक, व्यवहारिक एवं रचनात्मक थी जो परस्पर विश्वास को और आगे बढ़ाएगी। इसके अलावा दोनों ही पक्ष अग्रिम इलाकों से सैनिकों को जल्द पीछे हटाने पर सहमत हुए थे। वहीं, भारत और चीन की सेनाएं तनाव को संयुक्त रूप से कम करने के वास्ते कोर कमांडर स्तर की दसवें दौर की वार्ता के लिए जल्द बैठक करने पर भी सहमत हुई थीं।
पूर्वी लद्दाख में तैनात हैं हजारों सैनिक
बता दें कि पूर्वी लद्दाख में विभिन्न पवर्तीय क्षेत्रों में भारतीय थल सेना के कम से कम 50,000 जवान युद्ध की तैयारियों के साथ अभी तैनात हैं। दरअसल, गतिरोध के हल के लिए दोनों देशों के बीच कई दौर की वार्ता में कोई ठोस नतीजा हाथ नहीं लगा था। अधिकारियों ने बताया था कि चीन ने भी इतनी ही संख्या में अपने सैनिकों को तैनात किया है। बता दें कि पैगोंग झील और आसपास के इलाके को रणनीतिक लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यही वजह है कि भारत ने पिछले साल गतिरोध शुरू होने के बाद से ही झील के आसपास निगरानी बढ़ा दी है।
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