नई दिल्ली: वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच जारी गतिरोध के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की यहां एक उच्चस्तरीय बैठक हो रही है। इस हाईलेवल मीटिंग में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल, सीडीएस विपिन रावत, रक्षा सचिव और तीनों सेनाओं के चीफ शामिल है। इस बैठक में एलएसी पर ताजा हालात और अन्य तैयारियों पर चर्चा हो रही है।
हालांकि इससे पहले कल देर रात मॉस्को में भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच हुई मीटिंग में पांच सूत्रीय कार्यक्रम पर सहमति बनी है जिससे एलएसी पर तनाव को कम किया जा सके दोनों देशों के बीच एकबार फिर विश्वास बहाल हो सके। उधर एलएसी पर तनाव के हालात बने हुए हैं।
चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील पर फिंगर-4 के क्षेत्रों पर अपना कब्जा करना जारी रखे हुए हैं, वहीं भारतीय सैनिकों ने झील के उत्तरी किनारे की कुछ ऊंचाइयों पर अपनी पहुंच स्थापित कर ली है। सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। एक सूत्र ने कहा, "हमारे सैनिकों ने पीएलए के कब्जे वाली पोजिशन को देखते हुए कुछ ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया है।" सूत्र ने कहा कि भारतीय सेना एहतियात के तौर पर ऐसे स्थानों पर तैनात है।
सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना की टुकड़ियां, जो कि पहाड़ी युद्ध की विशेषज्ञ हैं, वह पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को संभालने में कामयाब रही है। सूत्रों ने कहा कि अब पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट पर चीनी सैनिकों और वाहनों की आवाजाही दिखाई दे रही है। कुछ जगहों पर भारी-भरकम हथियारबंद सैनिक भारतीय जवानों के नजदीक ही हैं। इन चौकियों पर सेना हाई अलर्ट पर नहीं है। भारतीय सेना ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर चीनी सैनिक भड़काऊ सैन्य कदम उठाते हैं तो उनकी सेना जवाबी कार्रवाई करेगी।
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