लद्दाख में LAC में तनाव कुछ कम होता दिख रहा है। दोनों देशों के बीच बनी आपसी सहमति के बाद चीन के सेना ने पीछे हटना शुरू कर दिया है। इंडिया TV को मिली जानकारी के मुताबिक़ दोनों सेनाओं के पीछे हटने का काम फ़ेज में होगा और इसमें लगभग 30-60 दिन का समय लगेगा। हम आपको बता दें कि भारतीय सेना के सूत्रों के मुताबिक़ ये तीन अलग अलग फेज में ही होगा और इसी पर सहमति बनी है लेकिन इसके बावजूद भी चीन पर विश्वास करना मुश्किल है, इसीलिए पूरी सतर्कता बरती जा रही है।
पहला फेज
दो हफ़्तों के अंदर दोनों सेनाएं 2-3 किलोमीटर की सीमित दूरी पर जाएं और पीछे मुड़ के ना आए साथ में अपने सामान स्ट्रक्चर टेंट और बंकर को भी वापस ले जाएं। इसमें कोई भी सेना ख़ासतौर पर चीनी सेना इसका उल्लंघन न करें। अगर उल्लंघन किया जाता है तो ये प्रोसेस वहीं ख़त्म हो जाएगा। अभी भी इस इलाक़े में चीन को क़रीब पांच किलोमीटर पीछे जाना था, चीन केवल डेढ़- 2 किलोमीटर ही पीछे गया है।
इंडिया TV को मिली जानकारी के मुताबिक़ चीन अपने कहे अनुसार वादा निभाता है तो भारतीय सेना भी पेट्रोलिंग पॉइंट14 से पीछे हट जाएगी लेकिन हम आपको ये भी बता दें कि इस समय में मौसम ख़राब है और बर्फ़ पिघलने की वजह से ही गलवान नाला का बहाव बहुत तेज़ हो गया है और यही वजह है कि चीनी सेना आसानी से पीछे हट रही है और पीछे की तरफ़ अपनी पोज़ीशन पर जा रही है। दो हफ़्ते तक इसी को पूरी तरह से मॉनिटर किया जाएगा। इसके लिए भारतीय सेना फिजिकल वेरिफ़िकेशन सैटलाइट इमेजस और UAV के ज़रिए मॉनिटरिंग करेगी।
दूसरा फेज
इस समय लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल के दूसरी तरफ़ यानी चीन की तरफ करीब 35 हज़ार चीनी सैनिक तैनात हैं। इंडिया TV को इस बात की भी जानकारी मिली है कि इन सैनिकों के साथ साथ चीनी हथियारों को भी पीछे ले जाना होगा।और ख़ास तौर पर फ़ेस ऑफ़ वाली सभी जगहों से, क्योंकि इन्हीं की वजह से दोनों देशों के बीच टेंशन बढ़ी है। कोर कमांडर लेवल मीटिंग में ही तय हुआ था कि दोनों तय सीमा और दूरी के हिसाब से अपने हथियारों और फ़ौज के जवानों को वापस ले जाएंगे। इसमें ख़ास तौर पर इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल आर्टिलरी गन टैंक और बाक़ी के हथियार भी शामिल हैं।
तीसरा फेज
अगर शुरू कर दो फेज ठीक से निकलते हैं तो फिर उसके बाद भारतीय सेना अप्रैल 2020 के स्टेटस को और पेट्रोल करने वाली जगह पर विवाद न हो इसके लिए आगे काम करेगी। ये अनुमान लगाया गया है भारतीय सेना के द्वारा की तीसरे फ़ेज में ही पेंगोंग सो की बात होगी ताकि दोनो देशों की सेनाएं अपने-अपने अप्रैल 2020 के स्टेटस को वाली जगह पर जा सकें।
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