नई दिल्ली: भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय द्वारा चीन से जुड़े 43 मोबाइल ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने के सवाल पर चीनी दूतावास ने विरोध जताते हुए कहा कि भारत और चीन को पहले की तरह ही द्विपक्षीय आर्थिक और व्यापारिक रिश्तों पर काम करना चाहिए। चीनी दूतावास ने कहा कि चीन के कुछ मोबाइल ऐप्स को राष्ट्रीय सुरक्षा का बहाना बनाकर भारत ने प्रतिबंधित किया है, हम इसका विरोध करते हैं। चीनी दूतावास ने कहा- चीन की सरकार हमेशा विदेशों में काम करनेवाली चीनी कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करती है। कानूनों और नियमों का अनुपालन और सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता की जरूरत पर जोर देती है।
इसके साथ ही दूतावास की ओर से कहा गया-'हमें उम्मीद है कि भारत चीन सहित विभिन्न देशों कंपनियों के लिए निष्पक्ष और भेदभाव रहित व्यावसायिक वातावरण प्रदान कराए और विश्व व्यापार संगठन के नियमों के मुताबिक काम करे। दूतावास की ओर से कहा गया कि चीन और भारत एक दूसरे के लिए खतरों के बजाय विकास के अवसर हैं। दोनों पक्षों को बातचीत के आधार पर द्विपक्षीय आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को पारस्परिक लाभ के हिसाब से सही रास्ते पर वापस लाना चाहिए।'
आपको बता दें कि केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय ने मंगलवार को 43 और मोबाइल ऐप्स को बैन कर दिया। इन ऐप्स को भारत की रक्षा, सुरक्षा और संप्रभुता के लिए खतरा बताया गया है। केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में बैन किए गए 43 ऐप्स की पूरी लिस्ट दी गई। केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय ने बताया कि आईटी एक्ट की धारा 69A के तहत यह कार्रवाई की गई है।
सरकार ने अलीबाबा वर्कबेंच, अली एक्सप्रेस, अलीपे कैशियर, कैमकार्ड और वीडेट समेत 43 और चीनी मोबाइल ऐप को देश की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए इन पर मंगलवार को पाबंदी लगा दी है। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने भारत में उपयोगकर्ताओं तक इन ऐप की पहुंच पर पाबंदी लगाने का आदेश जारी किया है। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध(रोधी) समन्वय केंद से इस संदर्भ में मिली विस्तृत रिपोर्ट के बाद यह आदेश जारी किया गया है।
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