नई दिल्ली. लद्दाख से आने वाले दिनों में एक अच्छी खबर आ सकती है। यहां मई के महीने से LAC पर आमने-सामने खड़ी दोनों देशों की सेनाएं विवाद वाले इलाके से कुछ दिनों में पीछे हट सकती है। दरअसल दोनों देशों के बीच हाल ही में हुई 8वीं Corps Commander लेवल की बातचीत में disengagement प्लान को लेकर चर्चा हुई। सूत्रों ने ANI को बताया कि disengagement प्लान Pangong लेक इलाके में एक हफ्ते में तीन चरणों में किया जाएगा, जिसके तहत टैंक और बख्तरबंद कर्मियों के वाहक सहित बख्तरबंद वाहनों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से महत्वपूर्ण दूरी पर लेकर जाना होगा।
चर्चाओं के अनुसार, एक दिन के भीतर टैंक और बख्तरबंद कार्मिकों के disengagement को अंजाम दिया जाना है। यह वार्ता 6 नवंबर को हुई थी जिसमें विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव और Directorate General of Military Operations के ब्रिगेडियर घई ने हिस्सा लिया था।
पैंगोंग झील पर उत्तरी बैंक के पास किए जाने वाले दूसरे चरण में, दोनों पक्षों को तीन दिनों के लिए हर दिन लगभग 30 प्रतिशत सैनिकों को वापस लेना होगा। भारतीय सेना अपनी administrative धन सिंह थापा पोस्ट के करीब आ जाएगी, जबकि चीन ने फिंगर 8 पर अपनी स्थिति में वापस जाने के लिए सहमति व्यक्त की है। तीसरे और अंतिम चरण में, दोनों पक्ष दक्षिणी तट पर पैंगोंग झील क्षेत्र के साथ सीमा रेखा से अपने-अपने स्थान से हटेंगे, जिसमें चुशुल और रेजांग ला क्षेत्र के आसपास की ऊंचाई और क्षेत्र शामिल हैं। दोनों पक्षों ने disengagement प्रक्रिया की प्रगति को UAV के जरिए सत्यापित करने के लिए एक संयुक्त तंत्र के लिए भी सहमति व्यक्त की है
भारतीय पक्ष इस मुद्दे पर बहुत सावधानी से आगे बढ़ रहा है क्योंकि इस साल जून में गलवान घाटी में संघर्ष के बाद चीन की बातों और दावों पर विश्वास लगभग समाप्त हो गया है। गलवान घाटी में हुए संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों ने अपनी जान गंवाई थी। भारतीय सैनिकों ने चीनी सेना के एक कमांडिंग अधिकारी सहित कई पीएमए जवानों को संघर्ष में मार दिया था।
लद्दाख को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत, आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवाने और एयरफोर्स चीफ आरकेएस भदौरिया सहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विश्वसनीय सुरक्षा टीम ने कई कड़े कदम उठाए है, जिनमें LAC पर पैंगोंग झील के दक्षिणी और उत्तरी किनारे पर वर्चस्व वाली ऊंचाइयों पर Ane La और Que La पर कब्जा करना शामिल हैं।
लद्दाख में LAC पर चीन द्वारा किए गए जमावड़े के जवाब में भारत ने भी कड़ा रुख अपनाया हुआ है। भारत ने निकटवर्ती हिमाचल प्रदेश सेक्टर और मैदानी इलाकों से रिज़र्व डिवीजनों में लाने के अलावा 60,000 सैनिकों को forward इलाके में तैनाती किया है। भारतीय वायु सेना ने frontline पर तेजी से तैनाती की है, जहां उसके लड़ाकू जेट और अटैक हेलिकॉप्टर फायर मोड के लिए तैयार है, जबकि इसके गरुड़ स्पेशल फोर्सेज को इगला एयर डिफेंस सिस्टम के साथ तैनात किया गया है ताकि दुश्मन के किसी भी विमान को तुरंत जवाब दिया जा सके।
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